असम में बाल विवाह पर कार्रवाई से डर कर 14 साल की नाबालिग ने किया सुसाइड, इसी महीने एक और लड़की ने की थी आत्महत्या
Child Marriage Assam: बाल विवाह के खिलाफ असम सरकार द्वारा की जा रही कड़ी कार्रवाई के डर से सिर्फ तीन महीने पहले शादी करने वाली एक लड़की ने दक्षिण सलमारा मानकचर जिले में आत्महत्या कर ली.
Assam Child Marriage Crackdown: असम के दक्षिण सलमारा मनकाचार जिले के शादी करने वाली एक लड़की ने आत्महत्या कर ली. प्रदेश में बाल विवाह को लेकर हो रही सख्त कार्रवाई की वजह से लड़की ने यह खौफनाक कदम उठाया. पुलिस के मुताबिक, लड़की की पहचान माफिदा खातून के रूप में की गई है, जो कमार पाडा गांव की रहने वाली है.
घटना की जानकारी मिलने के बाद नजदीकी थाना साउथ सलमारा से पुलिस मौके पर पहुंची और मामले का जायजा लिया. बताया जा रहा है कि माफिदा खातून की शादी करीब 3 महीने पहले ही गांव के एक लड़के के साथ हुई थी. लोगों का कहना है कि 3 फरवरी को एक और लड़की ने पंखे से लटककर आत्महत्या कर ली थी. यह महिला भी जिले के मानकचर साउथ सलमारा की रहने वाली थी. पुलिस ने माफिदा खातून के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है. पुलिस मामले की जांच में जुटी है.
पहले भी हो चुकी है इस तरह की घटना
असम सरकार की ओर से राज्य में बाल विवाह के खिलाफ कड़ी कार्रवाई शुरू करने के बाद किसी लड़की के खुदकुशी करने की यह दूसरी घटना है. इस महीने की शुरुआत में असम के कछार जिले में एक 17 साल की लड़की ने अपने माता-पिता के वादा तोड़ने और उस लड़के के शादी से इनकार करने पर खुद की जान ले ली जिसे वह प्यार करती थी. एक अन्य मामले में, गोलागंक में एक 23 साल की महिला तब बेहोश हो गई, जब उसने देखा कि उसके पति और पिता को धुबरी जिले में बाल विवाह के एक मामले में गिरफ्तार किया गया और पुलिस उन्हें कोर्ट ले जा रही है.
यह अभियान 2026 तक जारी रहेगा
राज्य में शिशु मृत्यु दर और मातृ मृत्यु दर को कम करने के लिए मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के नेतृत्व वाली असम सरकार ने राज्य में बाल विवाह के खिलाफ कार्रवाई करने का फैसला किया है. 14 साल से कम उम्र की लड़कियों से शादी करने वालों पर पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया जा रहा है, जबकि 14 से 18 साल की लड़कियों से शादी करने वालों पर बाल विवाह निषेध अधिनियम, 2006 के तहत मुकदमा चलाया जा रहा है.
सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा है कि यह अभियान 2026 के विधानसभा चुनाव तक जारी रहेगा. हालांकि, इस कार्रवाई की विपक्ष ने आलोचना की है और राज्य भर में विभिन्न स्थानों पर प्रभावित परिवारों के तरफ से विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है.
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