नई दिल्ली : नोटबंदी के बाद एटीएम-डेबिट कार्ड और स्मार्ट फोन से ई-पेमेंट का चलन बढ़ा है. लेकिन, अब इसके खतरे भी सामने आने लगे हैं. पूरे देश में पुलिस की साइबर क्राइम सेल की तरफ से लोगों के लिए अलर्ट जारी किए जा रहे हैं. हम भी आपको आगाह कर रहे हैं कि ई-पेमेंट के वक्त सावधानी बरतें. वर्ना साइबर क्रिमिनल आपके बैंक खाते में सेंध लगा सकते हैं.


एक क्लिक से आपके बैंक अकाउंट को खाली कर सकते हैं


साइबर वर्ल्ड के शैतान सिर्फ एक क्लिक से आपके बैंक अकाउंट को खाली कर सकते हैं. वो लोग आपकी रकम को अपने खाते में ट्रांसफर भी कर सकते हैं और उन पैसों से ऑनलाइन शापिंग भी कर सकते हैं. आइए हम आपको बताते हैं कि डिजिटल डकैत कैसे आपके बैंक अकाउंट में डाका मार सकते हैं.


कांग्रेस नेता शशि थरूर के घर चोरी, PM मोदी का दिया इनाम भी उड़ा ले गए चोर


यहां है खतरा


* खरीददारी या बिल भुगतान के लिए आप अपना क्रेडिट कार्ड कैशियर को देते है
* स्वाइप कार्ड जैसी दिखनी वाली मशीन को कैशियर स्क्रेच करता है
* क्रेडिट कार्ड के मैग्नेटिक स्ट्रिप (पट्टी ) में गुप्त जानकारी मशीन में कॉपी हो जाती है
* इस जानकारी के आधार पर या तो डुप्लीकेट क्रेडिट कार्ड बनाया जाता है या फिर क्रेडिट कार्ड की गुप्त जानकारी हैकरो को बेच दी जाती है
* आपकी सीक्रेट डिटेल्स मिलते ही दुनिया में किसी भी कोने में बैठे ठग क्रेडिट कार्ड के जरिए पलक झपकते ही लाखों पर हाथ साफ कर देते हैं


एक्सपर्ट के मुताबिक इंटरनेट पर कई वायरस भी होते हैं


इतना ही नहीं साइबर एक्सपर्ट के मुताबिक इंटरनेट पर कई ऐसे वायरस भी होते हैं, जो ऑनलाइन शापिंग करने पर आपके क्रेडिट कार्ड के डेटा को हैकर तक पंहुच देते हैं. फिर उस गुप्त जानकारी के जरिए दूर बैठा हैकर या तो डुप्लिकेट क्रेडिट कार्ड तैयार कर या उसके जरिए ठगी की वारदात को अंजाम देता है.


IT छापे में 90 करोड़ कैश मिला, 100 किलो सोने संग 70 करोड़ के नए नोट बरामद


साइबर एक्सपर्ट्स की मानें तो अगर आप किसी रेस्टोरेंट या फिर दुकान में अपने क्रेडिट कार्ड को किसी अजान शख्स के हाथों बिल का भुगतान करने के लिए देते हैं या फिर ऑन लाइन शॉपिंग करते हैं, तो उस दौरान आपके क्रेडिट कार्ड की जानकारी चुराई जा सकती है.


मतलब साफ है कैशलेस शॉपिंग करते समय सावधानी बेहद जरूरी है. नोटबंदी के बाद देश के तमाम बड़े शहरों में पेटीएम और रूपे जैसे मोबाइल वॉलेट से पेमेंट का चलन बढ़ा है. यहां तक कि छोटे शहरों में कई दुकानदारों ने नगदी संकट से बचने के लिए स्वाइप मशीनें लगा ली हैं.

ये सावधानियां जरूरी हैं


ऐसे में साइबर सिक्योरिटी में सेंध के मामले में बढ़ रहे हैं. नोटबंदी के बाद से ही तकरीबन हर रोज ऑनलाइन फ्रॉड के तीन से चार मामले सामने ऐसे आ रहे हैं. इसीलिए लोगों को सलाह दी जा रही है कि क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड के जरिए स्वाइप मशीन और मोबाइल फोन से ई-पेमेंट करने वालों को कुछ सावधानी रखनी चाहिए...


गोवा: 2000 रुपये के नए नोटों में 1 करोड़ से ज्यादा का कैश बरामद


* एटीएम और डेबिट कार्ड का इस्तेमाल अपने तक सीमित रखें, उसकी गुप्त जानकारी किसी को ना बताएं.
* कार्ड किसी के हाथ में न दें, खुद ही स्वाइप करें। छुपाकर पासवर्ड डालें
* होटल, शॉपिंग मॉल और दुकानों में कार्ड से भुगतान अपनी आंखों के सामने करें.
* अच्छी तरह देख लें कि स्वाइप मशीन में स्वाइप करने वाली जगह पर डेटा चोरी के लिए कोई स्कीमर तक नहीं लगा है
* मैग्नेटिक स्ट्रिप वाले कार्ड का इस्तेमाल कम करें, चिप वाले कार्ड ज्यादा सुरक्षित हैं
* मोबाइल से ई-पेमेंट करते वक्त अपना मोबाइल किसी के भी हाथ में न दें
* एप डाउनलोड करते वक्त सावधानी बरतें और मोबाइल स्क्रीन पर दिखने वाले विज्ञापन को क्लिक न करें, वर्ना आपका मोबाइल हैक हो सकता है