बाबा वीरेंद्र देव के आश्रमों का निरीक्षण जारी, मानव तस्करी की संभावना: डीसीडब्ल्यू
डीसीडब्लू ने कहा कि इस आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता कि दीक्षित मानव तस्करी का गिरोह चलाने में संलिप्त हो.
नई दिल्ली: दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) ने सोमवार को यौन उत्पीड़न के आरोपी बाबा वीरेंद्र देव दीक्षित के दिल्ली स्थित कई आश्रमों का निरीक्षण किया. डीसीडब्लू ने कहा कि इस आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता कि दीक्षित मानव तस्करी का गिरोह चलाने में संलिप्त हो. आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल के साथ इस मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा नियुक्त वकील अजय वर्मा की एक डीसीडब्ल्यू टीम ने पूर्वी दिल्ली के करावल नगर और पश्चिमी दिल्ली के नांगलोई स्थित दीक्षित के आश्रम में रहने वाले लोगों से बातचीत की.
डीसीडब्ल्यू ने करावल नगर के आश्रम का हवाला देते हुए एक बयान में कहा, "बाबा के विजय विहार, रोहिणी और दूसरे आश्रमों की तरह यहां भी उसी हालत में छह लड़कियां बंधक के रूप में मिलीं. यह आश्रम बहुत छोटा था, माहौल जेल जैसा था." बयान में कहा गया है, "रजिस्टर को पूर्ण रूप से बना कर नहीं रखा गया था. रजिस्टर में न तो यह लिखा था कि लड़कियां कहां से आई हैं और न यह कि वे कब से यहां रह रहीं हैं."
बयान में कहा गया है, "यह लड़कियां नाबालिग लग रहीं हैं. सीवीसी से अनुरोध किया गया है कि उन्हें आश्रय घरों में भेजा जाए और उनकी काउंसलिंग सुनिश्चित की जाए. स्थानीय नागरिकों ने सूचना दी कि डीसीडब्ल्यू के दौरे से पहले परिसर से कई लड़कियों को हटा दिया गया था." नांगलोई आश्रम में टीम ने करीब 15 महिलाओं के साथ बातचीत की लेकिन उनमें से कोई नाबालिग नहीं मिली. डीसीडब्लू के मुताबिक, स्थानीय निवासियों का कहना है कि सुबह ही 20 लड़कियों को आश्रम से ले जाया गया है.
मालीवाल ने कहा, "ऐसा प्रतीत हो रहा है कि बाबा मानव तस्करी का गिरोह चला रहा है. सीबीआई को भारत के सभी जगहों पर दीक्षित द्वारा चलाए जा रहे आश्रम में छापे मारने चाहिए और उन्हें बंद कराना चाहिए. छापों में देरी होने से बाबा को अपने कार्यो पर पर्दा डालने का समय मिल जाएगा. सभी महिलाओं और लड़कियों को तुरंत ही बचाया जाना चाहिए."
पिछले सप्ताह डीसीडब्ल्यू ने दीक्षित द्वारा चलाए जा रहे दो विभिन्न आश्रमों से 45 नाबालिग लड़कियों को बचाया था. आश्रमों में आध्यात्मिक शिक्षा के नाम पर महिलाओं और नाबालिग लड़कियों को कथित रूप से अवैध तरीके से रखा गया था. दिल्ली उच्च न्यायालय ने इस मामले में सीबीआई जांच का आदेश दिया है और रोहिणी इलाके में आश्रम में महिलाओं और लड़कियों की शिकायत पर कार्रवाई न करने को लेकर दिल्ली पुलिस को फटकार लगाई थी. महिलाओं ने अपनी शिकायत में कहा था कि अध्यात्मिक मार्गदर्शन देने के नाम पर उनके साथ रेप किया गया.