नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस की एक बड़ी लापरवाही एक युवक की मौत का कारण बन गई. नेताजी सुभाष प्लेस इलाके में पुलिस बैरिकेड के तार में फंसकर एक शख्स की मौत हो गई. रात में करीब एक बजे 21 साल के अभिषेक नाम का एक युवक बाइक से जा रहा था.


पुलिस ने इलाके में चार बैरिकेड लगा रखे थे और दो बैरिकेड को जोड़ने के लिए बीच में तार लगा रखा था. रात का अंधेरा था, तार पतला था और यही कारण थे कि वे तार को देख नहीं पाया. बाइक से जाते वक्त अभिषेक तार के बीच में आ गया जिसकी वजह से उसकी मौत हो गई.



अभिषेक ओला कैब चलाता था और डीजे में भी काम करता था. पुलिस ने केस दर्ज करते हुए नेताजी सुभाष प्लेस एसएचओ अरविन्द को लाइन हाजिर कर दिया है और 4 बीट कांस्टेबल्स और डिवीजन वालो को सस्पेंड कर दिया है.


बेरीकेड के लिए क्या हैं नियम
मानव रहित बेरीकेड लोगों के लिए परेशानी का सबब बन जाते हैं. इनसे ना केवल एक्सीडेंट का खतरा होता है बल्कि ट्रैफिक जाम भी होता है. दिल्ली पुलिस के नियमों के अनुसार चेकिंग के बाद तुरंत बेरीकेड हटाए जाने चाहिए.

दिल्ली पुलिस के नियम यह भी कहते हैं कि कोई भी बेरीकेड कहीं भी मानव रहित नहीं होना चाहिए. यानि पुलिस अथवा ट्रैफिक पुलिस का कोई सिपाही इसके साथ होना चाहिए. बेरीकेड्स पर ब्लिंकर्स भी लगे होने चागिए.

बेरीकेड्स साफ सुथरे होने चाहिए ताकि दूर से ही दिखाई दे सके और लोग वक्त पर गाड़ी रोक सकें. रात के वक्त भी यह सही से लोगों को दिखें ऐसी व्यवस्था करनी चाहिए. इनके ऊपर रिफ्लेक्टिव लगे हों ताकि कोई भी वाहन चालक समझ जाए कि आगे बेरीकेड लगे हैं.

बेरीकेड्स के पास यह भी स्पष्ट होना चाहिए कि यहां से वाहन कहां जाएं. यानि डाइवर्जन के साइन भी यहां पर होने चाहिए. डाइवर्जन पर तीर के निशान से इसको दिखाया जाना चाहिए. यह ट्रैफिक पुलिस की जिम्मेदारी है.

दिल्ली में बेरीकेड्स की संख्या 5000 है. दिल्ली पुलिस काफी पुराने बेरीकेड्स का इस्तेमाल करती है. इनमें से अधिकतर ऐसे हैं जिन्हें इधर-उधर करना कठिन होता है. इन बेरीकेड्स की पोजीशन क्राइम सीन या प्रदर्शन के तुरंत बाद बदल दी जानी चाहिए.