(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Delhi Crime: बहन ने 7 साल के मासूम को सिगरेट से दागा, पिता और बुआ के खिलाफ भी मामला दर्ज
Delhi Crime: डीसीपी ने कहा, बच्चे ने पहले ट्यूशन टीचर को घटना सुनाई, जिसके बाद बच्चे की मां ने पुलिस को मदद के लिए बुलाया. इस संबंध में किशोर न्याय अधिनियम की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है.
Delhi Crime News: दक्षिणी दिल्ली में सात साल के एक मासूम को सिगरेट से जलाने का मामला सामने आया है. जहां बच्चे ने ये आरोप अपनी बुआ की बेटी पर लगाया है. एक अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. पुलिस के मुताबिक, 28 फरवरी को नेब सराय थाने में पुलिस कंट्रोल रूम को फोन आया कि एक सात साल के बच्चे का गाल सिगरेट से जला दिया गया है. इसके बाद बच्चे की मेडिकल और काउंसलिंग की गई. इस मामले में पुलिस ने बच्चे के पिता और बुआ व उसकी लड़की के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है.
तलाक की अर्जी के चलते बच्चे को हो रही दिक्कत
अधिकारी ने कहा कि बच्चे के माता-पिता ने तलाक के लिए अर्जी दी है और अदालत के आदेश पर लड़का बारी-बारी से माता-पिता के साथ रहता है. माता-पिता के बीच विवाद चलने पर न्यायालय के आदेशानुसार, बच्चा तीन माह मां के पास तो अगले तीन महीने पिता के पास रहता है. इसी क्रम में जब वो अपने पिता के पास था तब ये घटना हुई थी. घर वालों से डर के चलते बच्चे ने इस बारे में किसी को कुछ नहीं बताया था.
काउंसलिंग में बच्चे ने बताई पूरी बात
पुलिस उपायुक्त (दक्षिण) चंदन चौधरी ने कहा, पूछताछ के दौरान, बच्चे की मेडिकल जांच की गई और काउंसलिंग की गई. बच्चे को सीडब्ल्यूसी-2 के सामने पेश किया गया और बच्चे की कस्टडी उसकी मां को दे दी गई. डीसीपी ने कहा, बच्चे का बयान दर्ज किया गया, जिसमें कहा गया कि वर्तमान में वह मदनगीर, डीडीए फ्लैट में अपनी मां के साथ रह रहा है. वह पिछले तीन महीनों से अपने पिता व बुआ के साथ रह रहा था. उसने आरोप लगाया कि उसे उसकी बुआ की बेटी ने 29 दिसंबर 2022 को सैनिक फार्म के अनुपम गार्डन स्थित उसके पिता के घर में सिगरेट से जलाया था.
किशोर न्याय अधिनियम के तहत मामला दर्ज
डीसीपी ने कहा, 27 फरवरी को बच्चे ने अपने ट्यूशन टीचर को घटना सुनाई. बच्चे की मां उसे डॉक्टर के पास ले गई और पुलिस को मदद के लिए बुलाया. इस संबंध में किशोर न्याय अधिनियम 2015 की धारा 75 के तहत मामला दर्ज किया गया है. मामले में शुक्रवार शाम तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी थी.
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