नई दिल्ली : देश की राजधानी में ठगों की करतूतें अक्सर ही सामने आया करती हैं. ठग लोगों को सब्जबाग दिखाकर ठगते हैं और फरार हो जाते हैं. लेकिन, ठग जिस चीज का फायदा उठाते हैं वह है 'लालच'. जी हां ! लोगों के लालच का फायदा उठाकर ही वे अपनी वारदातों की साजिश रचते हैं और फिर मुसीबत बढ़ाते हैं.


दिल्ली में पिछले सप्ताह दो ऐसे गिरोहों का भांडाफोड़ किया गया जो दिल्ली को लोगों को ठगने का काम करते थे. एक गिरोह नकली सोने के छल्ले का प्रयोग करता था तो दूसरा गिरोह सफेद कागज को नोट में बदल देने का झांसा देता था. दोनों गिरोहों ने दर्जनों लोगों को अपना शिकार बनाया है.


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गिरोह 1.


दिल्ली में सामने आया है 'छल्ला गैंग' जो जाल बिछाकर लोगों के मोबाइल पर ही हाथ साफ कर देता है. दिल्ली पुलिस ने इस गिरोह का पर्दाफाश किया है. पुलिस के मुताबिक ये लोग पहले तो रोड पर 'गोल्ड प्लेटेड रिंग' (छल्ला) को सड़क पर फेंक दिया करते थे. फिर अपने आस पास खड़े व्यक्ति से पूछते थे कि 'यह छल्ला आपका तो नहीं ?'


इसके बाद गिरोह के अन्य सदस्य भी वहां जुट जाते थे और बहस करने लगते थे. शिकार व्यक्ति के मोबाइल पर उनकी नजर रहती थी. इसके बाद वे पुलिस को फोन करने की बात कहकर 'अपना फोन' (जो होता ही नहीं था) खोजने लगते थे. फिर वे व्यक्ति से फोन मांग लेते थे और उसे लेकर फरार हो जाते थे.


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गिरोह 2.


यह गिरोह कागज के सफेद टुकड़े को केमिकल की मदद से करारा नया 500 और 2000 का नोट बना देने का झांसा देता था. पुलिस ने इस गिरोह के सदस्यों को पकड़ लिया है जो काले केमिकल का लोचा दिखाकर ठगी करते थे. पुलिस के अनुसार ये अनजान लोगों को शिकार बनाते थे.


ये केमिकल, धागा, ब्लैक पेंट आदि को सामने रखकर ट्रिक का इस्तेमाल करते थे. इसके बाद आंखों में धूल झोंककर ठगी कर लेते हैं. फिर रकम मिलते ही फरार हो जाते हैं. लोगों को ये आधी कीमत पर नए नोट उपलब्ध करवाने का झांसा देते थे. अब्दुल रसूल मुम्बई के मलाड में रहता था और वहीदूल दिल्ली में.