नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय ने दिल्ली के वकील रोहित टंडन के काले धन को सफेद करने के आरोप में कोटक महेंद्रा बैंक के एक ब्रांच मैनेजर को गिरफ्तार किया है. आरोप है कि इस ब्रांच मैनेजर ने सीए और एंट्री ऑपरेटर की मिली भगत से फर्जी खाते खोले और फिर 34 करोड़ रुपए के ड्राफ्ट फर्जी नामों से बनवा दिए.
काले धन को सफेद में बदलने को 35 प्रतिशत का कमीशन लेता था
जांच के दौरान पता चला है कि आशीष कुमार नाम का ये बैंक मैनेजर, इसके बदले 35 प्रतिशत का कमीशन लेता था और उसने कुल 13 करोड़ रुपए रिश्वत के तौर पर लिए थे. आशीष कुमार को बैंक प्रशासन ने सस्पेंड कर दिया है. दिल्ली के कस्तूरबा गांधी ब्रांच का मैनेजर दिल्ली के वकील रोहित टंडन के काले धन को सफेद करने में अहम भूमिका निभा रहा था.
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एंट्री ऑपरेटर की मिलीभगत से पहले बैंक में आठ खाते खोले
आरोप है कि आशीष कुमार ने एक सीए और एंट्री ऑपरेटर की मिलीभगत से पहले बैंक में आठ खाते खोले और फिर इन खातों में बड़े पैमाने पर पैसे जमा कराए गए. सूत्रों के मुताबिक जिन कंपनियों में पैसे जमा कराए गए उनके नाम आर के इंटरनेशनल, स्वास्तिक ट्रेडिंग और सपना ट्रेडिंग आदि बताए गए है.
बैंक मैनेजर ने इन खातों में लगभग 36 करोड़ रुपये जमा किए
जांच के दौरान ईडी को पता चला है कि बैंक मैनेजर ने इन खातों में लगभग 36 करोड़ रुपये जमा किए और और चार फर्जी नामों पर डिमांड ड्राफ्ट बनाए. आरोप है कि इस काम को करने के बदले मैनेजर ने 35 प्रतिशत कमीशन लिया जो लगभग 13 करोड़ रुपये थी.
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सूत्रों ने बताया कि ये सारा पैसा दिल्ली के वकील रोहित टंडन का था
सूत्रों ने बताया कि ये सारा पैसा दिल्ली के वकील रोहित टंडन का था. इन खातों का पता सबसे पहले आय़कर विभाग को पता चला था लेकिन, तब आय़कर विभाग इस मामले के तार रोहित टंडन से नहीं जोड़ पाया था. ईडी अधिकारी जब रोहित टंडन और कोलकाता के व्यवसायी पारसमल लोढा के मामले की जांच के लिए कोटक महिंद्रा बैक तक पहुचें तो मामले का खुलासा हो गया.
ड्राफ्टों को वापस जमा कर पैसा वापस खाते में ले लिया जाता
सूत्रों ने बताया कि जांच के दौरान पता चला कि 34 करोड़ के फर्जी नामों के इन ड्राफ्टो को नोटबंदी की समय सीमा बीतने तक यानि 30 दिसबंर तक ऐसे ही रखा जाना था. उसके बाद इन ड्राफ्टों को वापस जमा कर पैसा वापस खाते में ले लिया जाता और निकाल लिया जाता.
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रिश्वत की रकम उसने अकेले नहीं ली थी, उसके कुछ साथी भी शामिल
आरोपी मैनेजर ने आरंभिक पूछताछ के दौरान बताया कि वो सीए और एंट्री आपरेटर को पहले से जानता था औऱ फिर वो रोहित टंडन को भी जान गया था. आरोपी मैनेजर ने ये खुलासा भी किया है कि रिश्वत की रकम उसने अकेले नहीं ली थी बल्कि उसके कुछ साथी भी इसमें हिस्सेदार थे.
ईडी को बैंक मैनेजर आशीष के नाम पर दो करोड़ के ड्राफ्ट मिले हैं
ईडी इस मामले में दिल्ली के वकील रोहित टंडन से लगातार पूछताछ कर रही है. ईडी को बैंक मैनेजर आशीष के नाम पर दो करोड़ के ड्राफ्ट मिले हैं जो ली गई रिश्वत का हिस्सा बताए जाते हैं. ईडी ये भी जानने की कोशिश कर रही है कि ये पैसा वास्तव में किसका था इस मामले में जल्द ही कुछ और गिरफ्तारियां कर सकता है.
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