नई दिल्ली : लापरवाही से सड़क पार करने वाले अक्सर सड़क सुरक्षा से जुड़े नियमों की अनदेखी करते हैं. लेकिन, दिल्ली मेट्रो का संरक्षित परिसर भी ऐसी चीजों से अछूता नहीं है. दरअसल, सीआईएसएफ ने इस वर्ष रेल पटरियों पर अनधिकृत तरीके से चलने के 400 से अधिक मामलों का पता लगाया.
औसतन 26 लाख यात्रियों को उनके गंतव्य तक पहुंचाती है मेट्रो
राष्ट्रीय राजधानी में प्रतिदिन औसतन 26 लाख यात्रियों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने वाली रेल नेटवर्क में कम-से-कम 88 लोगों ने खुदकुशी की कोशिश की. इसमें से 12 लोगों की मौत हो गयी.
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गाजियाबाद, नोएडा, फरीदाबाद और गुड़गांव में नेटवर्क के 150 से ज्यादा स्टेशन
दिल्ली और पड़ोसी शहरों गाजियाबाद, नोएडा, फरीदाबाद और गुड़गांव में नेटवर्क के 150 से अधिक स्टेशनों पर सुरक्षा मुहैया कराने वाली एजेंसी ने बताया कि पटरियों पर चलने को लेकर 340 से अधिक लोगों पर जुर्माना लगाया गया. इसके बाद ऐसे लोगों को मेट्रो अधिकारियों और पुलिस को सौंप दिया गया.
केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल ने वर्ष 2016 का रिकार्ड तैयार किया
केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल ने वर्ष 2016 का रिकार्ड तैयार किया है, जिसमें मध्य दिसंबर तक के आंकड़ों को शामिल किया गया है. अधिकारियों ने बताया कि पटरियों पर चलने के मामले बड़ी संख्या में उंचाई और जमीन पर स्थित स्टेशनों पर देखने को मिले. उन्होंने बताया कि भूमिगत मेट्रो नेटवर्क में ऐसे मामले कम पाये गये.
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महिला डिब्बों में सफर कर रहे 3,200 से अधिक पुरुष यात्रियों पर कार्ऱवाई
उन्होंने बताया कि पटरी पर चलते पाये गये यात्रियों में से कुछ अवसाद से ग्रस्त पाये गये तो कुछ नशे की हालत में दिखे और इनमें कुछ ऐसे लोग भी तो जो यूं ही पटरियों पर चल रहे थे. इसी तरह इस दौरान दिल्ली मेट्रो के महिला डिब्बों में सफर कर रहे 3,200 से अधिक पुरुष यात्रियों को बलपूर्वक उतारना पड़ा.