नई दिल्ली : पुलिस ने एक हैरान कर देने वाले अपहरण कांड का पर्दाफाश किया है. इस मामले में घर में काम करने वाले नाबालिग लड़के ने ही अपहरण की साजिश रच डाली थी. पुलिस अधिकारियों के यह जानकर होश उड़ गए कि फिल्म देखकर उसने पूरे अपराध की रूपरेखा तैयार की थी.


मासूम सा बेटा खेलते-खेलते अचानक लापता हो गया था


दिल्ली के कल्याणपुरी की रहनेवाली प्रीति सोमवार शाम सात बजे से ही हैरान परेशान थी. क्योंकि, उसका मासूम सा बेटा खेलते-खेलते अचानक लापता हो गया था. बच्चे के गायब होने के कुछ घंटे बाद ही उसके पास धमकी भरा फोन आया.


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बेटा वापस चाहिए तो तीन लाख रुपयों का इंतजाम कर दो


फोन करने वाले ने कहा कि 'देखो तुम्हारा बच्चा मेरे पास है. अगर तुम्हें बेटा वापस चाहिए तो तीन लाख रुपयों का इंतजाम कर दो.' बात हैरान करनेवाली थी क्योंकि 3 लाख की फिरौती के लिए फोन पर जो धमकी दे रहा था, वो आवाज एक लड़के की थी. पुलिस ने फोन को जब टेक्निकल सर्विलांस पर लगाया तो पता चला कि फोन यूपी के बदायूं से किया गया है.


दिल्ली पुलिस की एक टीम फौरन बदायूं पहुंच गई


फिर क्या था दिल्ली पुलिस की एक टीम फौरन बदायूं पहुंच गई. बदायूं में पता चला कि फोन करनेवाला बरेली में हैं. दिल्ली पुलिस की टीम बरेली पहुंची तो उनके होश उड़ गए. वहां प्रीति का चार साल का बेटा एक नाबालिग लड़के की गिरफ्त में था. वो लड़का कोई और नहीं बल्कि प्रीति के घऱ पर काम करने वाला घरेलू सहायक था.


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वो रातों रात दौलतमंद बनना चाहता था


पुलिस के मुताबिक आरोपी लड़का प्रीति के घऱ में करीब तीन महीने से नौकरी कर रहा था. वो बच्चे से घुलामिल गया था और सोमवार उसने अपहरण के इरादे से बच्चे को साथ लेकर बदायूं चला गया. पूछताछ में पता चला कि अपहरण के आरोपी लड़के ने अपहरण को इसलिए अंजाम दिया क्योंकि वो रातों रात दौलतमंद बनना चाहता था.


दिल्ली पुलिस ने सिर्फ 12 घंटे में बच्चे के अपहरण का केस सुलझाया


दिल्ली पुलिस ने सिर्फ 12 घंटे में बच्चे के अपहरण का केस सुलझा कर प्रीति को उसकी खुशियां लौटा दी. चूंकि आरोपी नाबालिग है इसलिए पुलिस ने उसे बाल सुधार गृह में भेज दिया है. इस वारदात के खुलासे से ये तो साफ हो गया कि नौकर ने मालिक के भरोसे को तोड़ा. लेकिन, सवाल ये भी है एक नाबालिग बच्चे को घऱ में काम पर क्यूं रखा गया था.