Delhi Crime News: दिल्ली के बुराड़ी इलाके में 11वीं कक्षा के छात्र रोहन की अपहरण के बाद हत्या के मामले में अब तक दो आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है. पुलिस के मुताबिक इस वारदात के मुख्य आरोपी गोपाल और उसके साथी सुशील को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि तीसरे आरोपी रिंकू की तलाश की जा रही है. पूछताछ में आरोपियों ने चौंकाने वाले खुलासे किए हैं. इस वारदात को अंजाम देने से पहले सभी ने फिल्म देखी थी और उसी के अनुसार प्लानिंग बनाकर अपहरण और बाद में हत्या कर दी.


16 जनवरी को किराए पर लिया था घर


पुलिस का कहना है कि अब तक की पूछताछ में खुलासा हुआ है कि गोपाल ने साजिश के तहत 16 जनवरी को ही वह घर अपराध को अंजाम देने के लिए किराये पर लिया था. पुलिस ने गोपाल की निशानदेही पर इसी घर के अंदर स्थित कमरे से रोहन के शव को बरामद किया. रोहन के पिता मनोज का कहना है कि पूछताछ में मनोज ने खुलासा किया कि पार्टी के बहाने जब रोहन को कमरे पर लाए तो उसे नशीला पदार्थ पिलाया गया. जिसके बाद उसे कुछ खिलाया गया.


बाद में वह जब अपनी सुध बुध खो बैठा तो गोपाल और उसके साथियों ने बेरहमी से उसकी हत्या कर दी. पहले उसके गले को लातों से दबाया गया. जब वो शोर मचाने लगा दर्द की वजह से चिल्लाने लगा तो उसके मुंह में पॉलिथीन ठूस दी गई. फिर ईंट से उसके प्राइवेट पार्ट पर वार करके उसे मारा गया. पीड़ित परिवार का कहना है कि इस मामले में अभी और भी आरोपी गिरफ्तार होने बाकी हैं. परिजनों की मांग है कि जो भी लोग इस पूरी वारदात में शामिल रहे हैं, उन्हें फांसी की सजा होनी चाहिए, क्योंकि उन लोगों ने एक सोची समझी साजिश के तहत उनके बच्चे को किडनैप किया और फिर बेरहमी से उसकी हत्या कर दी. 


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रोहन के पिता मनोज सिंह ठाकुर का कहना है कि उनका बेटा घर से ज्यादा बाहर आता जाता नहीं था. 23 जनवरी को उसके पास एक गोपाल नामक शख्स का फोन आया जिसके बाद वह अपनी मां को यह कह कर गया कि वह भैया के पास जा रहा है. रात लगभग 8:00 बजे के आसपास रोहन ने हमारे पास फोन किया और कहा कि मैं एक पार्टी में हूं और यहां पर खा रहा हूं. मेरे लिए बस एक रोटी बना दीजिएगा. हमने उससे पूछा भी कहां पर है, किसके साथ है? तो उसने कहा कि पापा आप पूछताछ बहुत करते हो, मैं आ जाऊंगा. उसके कुछ देर बाद जब हमने रोहन के मोबाइल पर फोन किया तो उसका फोन स्विच ऑफ था. वह घर नहीं लौटा था.


उससे जब पहले बात हुई थी तो उसने यह कहा था कि मैं नाला पार हूं. हम नाले के पार गए और अपनी तरफ से उसकी तलाश करते रहे, लेकिन वह नहीं मिला। जिसके बाद हम ने पुलिस को सूचना दी. पुलिस ने हमें थाने बुलाया. हम लोग थाने गए. इसके बाद पुलिस ने रोहन के मोबाइल फोन की लोकेशन आदि निकलवाई. हम लोग उस घर के नजदीक पहुंच गए थे, जहां पर बाद में रोहन का शव मिला. लेकिन हमें यह अंदाजा नहीं था कि रोहन किस घर में हो सकता है. पुलिस ने अपनी जांच की और इस बीच कुछ मिनटों के लिए लोन का फोन स्विच ऑन हुआ और फोन स्विच ऑफ हो गया.


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उसके फोन की लोकेशन मुरादाबाद आई. हम पुलिस के साथ मुरादाबाद पहुंचे लेकिन वहां पर रोहन नहीं मिला और न ही गोपाल या कोई और मिला. हम वापस दिल्ली आ गए. पुलिस ने गोपाल के घरवालों पर दबाव बनाया, जिसके बाद गोपाल का पता चला और पुलिस ने उसे 26 जनवरी को पकड़ लिया. पूछताछ में गोपाल ने खुलासा किया कि रोहन की हत्या कर दी गई है, जिसके बाद रोहन के शव को बुराड़ी की एक कालोनी में स्थित एक घर से बरामद कर लिया गया. मुझे पुलिस ने बुलाया और मैं इतना बदनसीब कि मैंने अपने ही बेटे के शव को अपनी आंखों से देखा. 


शोरूम में हुई थी दोस्ती


पुलिस का कहना है कि पूछताछ में गोपाल ने बताया कि वह कपड़े के शोरूम में नौकरी करता था. रोहन अपने पिता के साथ शोरूम से महंगे कपड़े खरीदने के लिए आता था. उसने रोहन से दोस्ती की और अपने अन्य मित्रों के साथ फिरौती की योजना बनाई. इसी के तहत 16 जनवरी को हरित विहार में कमरा किराये पर लिया गया. अपहरण फिल्म देखकर उन्होंने पूरी योजना तैयार की. पुलिस का दावा है कि हत्या करने से पहले आरोपियों ने रोहन के कई वीडियो बनाये, जिन्हें भेजकर ये आरोपी फिरौती वसूल करना चाहते थे.


23 जनवरी की रात ही रोहन की हत्या कर दी गयी थी. उसके बाद वे अपने घर चले गये. लेकिन अगले दिन पुलिस गोपाल से पूछताछ करने के शोरूम पहुंच गई तो वह घबरा गया. वारदात में शामिल अन्य युवक पुलिस को बरगलाने के लिए रोहन का फोन लेकर यूपी के अलग अलग शहरों में घुमने लगे थे. पुलिस रिंकू की तलाश कर रही है. रोहन के पिता मनोज ने बताया कि वह अक्सर नजदीक स्थित एक ब्रांड के शोरूम में कपड़े लेने जाते थे. रोहन भी वहीं से कपड़े लाता था. गोपाल उसी शोरूम में काम करता था  गोपाल ने अंदाजा लगाया कि रोहन इतने महंगे कपड़े लेकर जाता है, तो पैसे वाले परिवार से ताल्लुक रखता होगा. 


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6 महीने पहले से रच रहा था साजिश


मनोज का कहना है कि गोपाल ने लगभग 6 महीने पहले से ही पूरी साजिश रचनी शुरू कर दी थी. साजिश के तहत ही गोपाल ने रोहन से दोस्ती की और साजिश के तहत ही उसने 16 तारीख को बुराड़ी के हरित विहार में किराए पर कमरा लिया और उसी कमरे के अंदर पूरी वारदात को अंजाम दिया. गोपाल अपने साथियों के साथ मिलकर हमस 10 से 20 लाख रुपए की फिरौती वसूलना चाहता था. वह इस फिराक में था कि हम से फिरौती की रकम वसूल ले और शव को ठिकाने लगा कर फरार हो जाए.


जब मेरा बेटा गायब हुआ तो मैं गोपाल से पूछताछ करने उस कपड़े के शोरूम में गया था. गोपाल ने जिस तरीके से मुझसे बात की थी, उससे कोई जरा भी शक नहीं कर सकता कि गोपाल ऐसे संगीन अपराध को अंजाम दे सकता है, लेकिन जब मैं उससे पूछताछ करके लौटा तो उसके बाद ही उसने अपना फोन स्विच ऑफ कर लिया और वह अपने कमरे पर ताला लगा कर फरार हो गया था. तभी से उस पर शक और भी ज्यादा गहरा गया और पुलिस लगातार उसकी तलाश में जुट गई.