नई दिल्ली: देश की राजधानी में चल रहे बड़े ठगी के कॉल सेंटर का दिल्ली पुलिस ने भांडाफोड़ किया है. इस कॉल सेंटर के 37 कर्मचारियों को गिरफ्तार भी किया गया है. जनकपुरी और बिंदापुर इलाके में यह कार्रवाई की गई है. आसपास के लोगों को भनक तक नहीं थी कि ऐसा कुछ यहां चल रहा है. अब पुलिस मामले की जांच और गहराई से कर रही है.


पुलिस ने बताया है कि कॉल सेंटर के कर्मचारी मल्टीनेशनल कंपनियों के प्रतिनिधि बन कर लोगों से संपर्क करते थे. इसके बाद में उनको अलग-अलग तरह के प्रलोभन देकर उनसे मोटी रकम वसूल ली जाती थी. आश्चर्य की बात है कि इस गिरोह ने विदेशों में भी लोगों को शिकार बनाया है.


दिल्ली पुलिस की साइबर क्राइम यूनिट ने शिकायत मिली थी कि इन दो कॉल सेंटर्स से लोगों को ठगा जा रहा है. विदेशों में ठगी के मामले सामने आने के बाद पुलिस ने जांच तेज कर दी थी. इसके बाद बिंदापुर और जनकपुरी के कॉल सेंटरों पर छापा मारा गया. यहां काम कर रहे मैनेजर, टीम लीडर और कॉल ऑपरेटर्स को गिरफ्तार किया गया.


जनकपुरी से 28 और बिंदापुर से 9 कर्मचारियों को दबोचा गया था. इसके साथ ही पुलिस ने मौके से 56 डेस्टटॉप और 41 फोन जब्त किए थे. यह गिरोह इतना शातिर था कि कॉमर्सियल भवन के बजाय एक रिहायसी मकान से यह कॉलसेंटर चलाया जा रहा था. जांच में पता चला कि इस गिरोह ने कनाडा और अमेरिका में कई लोगों को ठगा और 15 करोड़ रुपए कमा लिए.


पुलिस ने बताया कि यहां पर काम करने वाले कर्मचारियों को धारा प्रवाह अंग्रेजी स्थानीय लहजे के साथ बोलने की ट्रेनिंग दी गई थी. इसके साथ ही कर्मचारियों को मोटी तनख्वाह भी दी जाती थी. मैनेजर को एक लाख, टीम लीडर को 75 लाख और कर्मचारियों को 30 से 50 हजार की तनख्वाह दी जा रही थी.


दिल्ली पुलिस का कहना है इस मामले में अभी जांच जारी है. ये ठगी के लिए अलग-अलग रास्ता अपनाते थे. इनका कोई एक तरीका नहीं था. ऐसे में जांच के बाद ही पता चल पाएगा कि इनका काम कहां तक फैला हुआ था. साथ ही इस आशंका से भी इनकार नहीं किया गया है कि ऐसे और भी कॉल सेंटर हो सकते हैं.


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