नई दिल्ली : एक शख्स की शिकायत पर उसके लापता दोस्त को खोजते हुए पुलिस 'किडनी रैकेट' तक पहुंच गई है. इस मामले में पुलिस ने एक महिला सहित कुल चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया है. इनकी गिरफ्तारी में राजस्थान के एक बाशिंदे ने मदद की जो अपने लापता दोस्त की तलाश कर रहा था.


दिल्ली सहित कई राज्यों के अस्पतालों में सक्रिय गिरोह का हिस्सा थे


पुलिस ने दावा किया कि गिरफ्तार किए गए लोग दिल्ली सहित कई राज्यों के अस्पतालों में सक्रिय गिरोह का हिस्सा थे. दिल्ली के एक प्रमुख निजी अस्पताल में इस गिरोह के संचालित होने का खुलासा होने के बाद दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने अस्पताल से रिपोर्ट मांगी है.


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अस्पताल के अधिकारियों ने कहा कि वे जांच में पुलिस को पूरा सहयोग देंगे


हालांकि अस्पताल ने एक बयान में कहा कि उसके यहां सभी किडनी प्रतिरोपण सही और कानूनी तरीके से किये जाते हैं और कुछ गड़बड़ी नहीं हुई है. अस्पताल के अधिकारियों ने कहा कि वे जांच में पुलिस को पूरा सहयोग देंगे.


राजस्थान निवासी के जरिए बिछाए गए एक जाल के बाद यह गिरफ्तारी


संयुक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) प्रवीर रंजन ने बताया कि राजस्थान निवासी के जरिए बिछाए गए एक जाल के बाद यह गिरफ्तारी की गई. उन्होंने बताया कि राजस्थान के सीकर निवासी 23 वर्षीय जयदीप शर्मा के सामने जब उनके दोस्त राजेश ने किडनी बेचकर पैसा कमाने का जिक्र किया था तो जयदीप ने इस बारे में छानबीन की.


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एक फोन आया जिसमें इम्तियाज नाम के आदमी ने उससे बात की


जयदीप को पिछले साल सितंबर में एक फोन आया जिसमें इम्तियाज नाम के आदमी ने उससे बात की. कुछ दिन बाद राजेश लापता हो गया और जयदीप ने अपने दोस्त का पता लगाने का फैसला किया. उसने एक न्यूज चैनल के रिपोर्टर के साथ अप्रैल में दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा के अधिकारियों से मुलाकात की.


जयदीप के लिए जाली आधार कार्ड और वोटर कार्ड बनाया गया


जयदीप के लिए जाली आधार कार्ड और वोटर कार्ड बनाया गया. उसे दिल्ली के बत्रा अस्पताल ले जाया गया जहां उसका दस्तावेज जमा किये गये और छानबीन के लिए एक आंतरिक कमेटी के समक्ष पेश हुआ. समूची प्रक्रिया के बाद किडनी ट्रांसप्लांट गुरूवार को होना था.


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चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया और यह प्रतिरोपण रद्द हो गया


लेकिन, पुलिस ने चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया और यह प्रतिरोपण रद्द हो गया. बत्रा अस्पताल ने एक बयान में कहा कि वे सभी किडनी प्रतिरोपण उचित तरीके से और कड़ी निगरानी में करते हैं. बयान के मुताबिक सभी मामलों में दिशानिर्देशों का पालन किया जाता है. समिति की कार्यवाही की रिकार्डिंग की जाती है.