सभी सीमाओं की हुई 'किलेबंदी', धरना स्थल के पास जमीन पर गाड़ी गईं कीलें
दिल्ली पुलिस ने भी मुस्तैदी दिखाते हुए सभी सीमाओं की किलेबंदी कर दी है. जमीनों पर कीलें गाड़ दी गई हैं और बैरिकेड्स में कंटींली तारें लगा दी गई हैं.
नई दिल्ली: केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों को लेकर किसान यूनियनों का आंदोलन जारी है. दिल्ली के तीनों सीमाओं सिंघु, टीकरी और गाजीपुर पर किसान धरना जारी रखे हुए हैं. इस दौरान दिल्ली पुलिस ने भी मुस्तैदी दिखाते हुए सभी सीमाओं की किलेबंदी कर दी है. जमीनों पर कीलें गाड़ दी गई हैं और बैरिकेड्स में कंटींली तारें लगा दी गई हैं.
दिल्ली पुलिस ने बैरिकेड्स के पास जमीन पर कीलें लगा दी हैं. इसके साथ ही नए ढंग से पूरी बैरिकेडिंग की गई है. दिल्ली की सीमाओं को किला बना दिया गया है और आंदोलनकारियों के लिए चक्रव्यूह की रचना की गई है. दिल्ली पुलिस की पूरी कोशिश है कि अब किसान यह स्थान पार कर के दिल्ली में प्रवेश न कर पाएं. मौके पर भारी मात्रा में पुलिस भी तैनात है.
गौरतलब है कि 26 जनवरी के दिन किसान यूनियनों ने ट्रैक्टर मार्च निकाला था. इसी दौरान आईटीओ के पास आंदोलनकारी बेकाबू हो गए. उन्होंने बैरिकेड्स तोड़ दिए और सेंट्रल दिल्ली में प्रवेश कर गए. पुलिस के साथ उनकी झड़प भी हुई. इस बीच कई लाल किले के पास चले गए. वहां काफी हंगामा हुआ, प्राचीर पर झंडा भी फहरा दिया गया. इस पूरे घटनाक्रम में कई किसान और पुलिसकर्मी घायल हुए.
साथ ही किसान नेता राकेश टिकैत गाजीपुर बार्डर पर धरना दे रहे हैं. उनकी भावुक अपील के बाद राजस्थान, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड से काफी संख्या में किसान यहां पहुंच रहे हैं. ऐसे में पुलिस सुरक्षा व्यवस्था में कोई भी ढिलाई के मूड में नहीं दिख रही है. गणतंत्र दिवस की घटना से पहले सुरक्षा के इतने कड़े इंतजाम नहीं थे.
इस मामले में दिल्ली पुलिस ने कई एफआईआर भी दर्ज की हैं. कई किसान नेताओं को पूछताछ के लिए भी बुलाया जा सकता है.
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