नई दिल्ली: 35 साल तक बतौर पोस्टमैन नौकरी करने वाले सुरेंद्र कुमार ने जीवन भर पाई पाई जोड़ी और बेटी की शादी के लिए गहने बनवाए. लेकिन ये गहने चोरी हो गए. घटना के तीन महीने बाद पुलिस ने कल एफआईआर दर्ज की है.


वारदात बीती 9 अगस्त को झील खुरंजा इलाके में हुई थी. यह घटना गीता कॉलोनी पुलिस की नजर में इतनी मामूली थी कि पुलिस ने शिकायत पर एफआईआर तक दर्ज करना जरूरी नहीं समझा. रिटायर्ड पोस्टमैन सुरेंद्र कुमार ने अपनी व्यथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री राजनाथ सिंह को लिखकर भेजी. गृह मंत्रालय के आदेश पर गीता कॉलोनी पुलिस ने लगभग तीन माह बीतने के बाद कल एफआईआर दर्ज की है.


उन्होंने लिखा," मोदीजी, क्या यही अच्छे दिन आने वाले थे. क्या यही सपनों का भारत है. मैंने 35 साल पोस्टमैन के तौर पर देश सेवा की. गर्मी-सर्दी-बरसात की कभी परवाह नहीं की, लेकिन बदले में मुझे क्या मिला. मेरी जीवन भर की कमाई लुट गई. बेटी की शादी के लिए 25 सालों से सहेजे गहने चोरी हो गए, लेकिन दिल्ली पुलिस एफआईआर तक दर्ज करने को तैयार नहीं है. मैं सड़क पर आ गया. पिछले साल पत्नी की मौत हो गई. बेटी हमेशा रोती रहती है. मैं क्या करूं..."


सुरेंद्र कुमार ने अपनी शिकायत में पीएम पर जो तंज कसे, पुलिस ने एफआईआर में उन्हें हटा दिया है. सुरेंद्र का कहना है कि उन्होंने पुलिस के रवैये से निराश होकर अच्छे दिन और सपनों के भारत पर तंज कसा था. साथ ही जीएसटी और नोटबंदी पर खुशी भी जताई थी.


हालांकि उन्हें उम्मीद बंधी है कि आखिरकार उनकी शिकायत पर सुनवाई हुई. उनका कहना है कि जो पुलिस चोरी का केस दर्ज करने को तैयार नहीं थी, वही पुलिस तीन महीने बाद उनकी जूलरी खोजने के लिए कितनी गंभीर होगी? इसलिए उन्होंने प्रधानमंत्री कार्यालय को लिखे पत्र में दिल्ली पुलिस के अलावा किसी अन्य एजेंसी से जांच करवाने की मांग की थी.


सुरेंद्र के अनुसार, वारदात 9 अगस्त की शाम हुई थी. घर में कोई नहीं था. किसी ने लॉकर के ताले तोड़कर करीब 20 तोला गोल्ड, अंगुठी, कड़े, मंगलसूत्र, लॉकेट, गोल्ड सेट आदि चोरी कर लिया. यह जूलरी उन्होंने और उनकी पत्नी ने पूरी जिंदगी की जमापूंजी से जोड़ी थी. पिछले साल पत्नी की मौत हो गई. इस वजह से बेटी का उस जूलरी से गहरा जुड़ाव था. अब बेटी 25 साल की हो चुकी है. उन्हें उसकी शादी की चिंता सता रही है, लेकिन पास में कुछ नहीं है.