नई दिल्ली: दिल्ली के जीटीबी एन्क्लेव इलाके से अगवा हुए नर्सरी क्लास के साढ़े चार साल के बच्चे को दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने एक एनकाउंटर के बाद सकुशल बरामद कर लिया है. बता दें कि दिल्ली के एक प्राइवेट स्कूल के बच्चे को 25 जनवरी को बदमाशों ने किडनैप कर लिया था, उस समय बच्चा स्कूल बस से स्कूल जा रहा. 25 जनवरी की शाम करीब साढ़े सात बजे बाइक पर सवार दो बदमाशों ने स्कूल बस के ड्राइवर को बंदूक के बल पर बच्चे को किडनैप कर लिया और ड्राइवर को गोली मार कर फरार हो गए.


इस मामले की जानकारी मिलते ही पूरे पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया, पुलिस ने बच्चे की तलाश करने के लिए कई टीमें बनाई लेकिन बच्चे के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली. 27 जनवरी को परिवार के पास फिरौती की रकम के लिए फोन आया, फोन किसी महिला का था. पुलिस ने कॉल को ट्रेस करने की कोशिश की लेकिन कोई सफलता नहीं मिली. मामले की गंभीरता को देखते हुए इसकी जांच दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच को दी गई. 12 दिन बाद क्राइम ब्रांच ने इस केस को सुलझा लिया और बच्चे को बरामद कर लिया.


दरअसल क्राइम ब्रांच की टीम ने पहले गाजियाबाद इलाके की सभी सीसीटीवी फुटेज खंगाली. पूरे इलाके को अच्छे से तलाशा. जांच के समय क्राइम ब्रांच को तीन लोगों पर शक हुआ. ये वो लोग थे जो घर से कम निकलते थे. क्राइम ब्रांच की टीम को ये शक हो गया था कि बच्चा साहिबाबाद इलाके में है. पुलिस की टीम जिस शख्स का पीछा कर रही थी उसका नाम नितिन था. पुलिस उसे रोज खाना ले जाते हुए देखती थी.


सोमवार देर रात पुलिस नितिन का पीछा कर रही थी. नितिन को भी शक हो गया था कि कोई उसे फॉलों कर रहा है. सूत्रों की मानें तो नितिन ने करीब 25 किलोमीटर तक पुलिस को दौड़ाया लेकिन रात करीब 11 बजकर 40 मिनट पर नितिन नाम के इस बदमाश को सीमापुरी इलाके से धर दबोचा गया. जब नितिन से पूछताछ की गई तो उसने बताया कि बच्चा शालीमार सिटी के फ्लैट नम्बर 505 में है. वहां दो और लोग रवि और पंकज मौजूद हैं. नितिन ने पुलिस को ये भी बताया कि दोनों के पास हथियार हैं.


बिना वक्त गंवाए तुरंत एक टीम तैयार की गई और पुलिस नितिन को लेकर उसी फ्लैट पर पहुंची. पहले नितिन ने दरवाजा खटखटया और उसके बाद क्राइम ब्रांच की टीम ने अपनी पहचान बता दी. पहचान बताते ही रवि ने अंदर से पुलिस पर गोली चला दी. इसके बाद पुलिस ने भी गोली चलाई. एक गोली रवि को और एक पंकज के पैर में लगी. पुलिस की टीम अंदर दाखिल हुई और बच्चे को इस कमरे सकुशल बरामद कर लिया.


पुलिस की मानें तो बदमाशों की तरफ से पांच गोलियां चलीं, जबकि पुलिस की तरफ से तीन गोलियां चलाई गईं.  इसके बाद दोनों घायल बदमाशों को अस्पताल ले जाया गया जहां रवि की मौत हो गई जबकि पंकज अभी घायल है. पुलिस ने जब नितिन से पूछताछ कि तो उसने बताया कि इससे पहले भी तीन बार उसने अपने साथियों के साथ मिलकर विहान को किडनैप करने की कोशिश की थी. लेकिन हर बार नाकाम रहे. 25 तारीख की वारदात उनका चौथी कोशिश थी.


27 तारीख को पंकज ने लड़की की आवाज निकाल कर विहान के पिता सन्नी गुप्ता को 60 लाख की फिरौती के लिए फोन किया. इतना ही नहीं इन्होंने दो बार व्हाट्सएप पर बच्चे का वीडियो भी भेजा. बच्चा 12 दिनों तक बदमाशों की कैद में था. पुलिस की मानें तो बच्चे के साथ कोई ना कोई जरुर होता था. रात को तीनों में से एक बच्चे के पास सोता था और बाकी दो हथियारों के साथ बाहर सोते थे ताकि अगर कोई आये तो उससे बचा जा सके.


सूत्रों की माने तो दरअसल नितिन को ये जानकारी थी कि विहान के पिता के पास कहीं से पैसा आया है. इसी के चलते इस वारदात को अंजाम दिया गया. नितिन का गोकलपुरी इलाके में ढाबा है और नितिन ढाबे के लिए सामान विहान के पिता की दुकान से खरीदता था. पुलिस को शक है कि किसी अपने ने ही ये बात नितिन को बताई होगी और इसके बाद नितिन ने अपने साथियों के साथ मिलकर अपहरण की इस सनसनीखेज वारदात को अंजाम दिया.


दिल्ली पुलिस अब उस शख्स की तलाश में जुटी है जिसने नितिन की मदद की. इतना ही नहीं पुलिस को इस वारदात में किसी महिला पर भी शक है क्योकि घर के अंदर से महिला के कपड़े और कई ऐसी चीजें मिली हैं जिससे लगता है कि घर में जरूर कोई महिला भी रहती थी.


सूत्रों की मानें तो वो महिला नितिन की गर्लफ्रेंड है और उसका लगातार इस घर में आना जाना था. पुलिस के मुताबिक ये फ्लैट करीब डेढ़ साल पहले नितिन ने किराये पर लिया था. इस फ्लैट को लेने का मकसद सिर्फ अय्याशी करना था.