नई दिल्ली: नोएडा में करीब 8 बजे ऑफिस के बाद दिल्ली जाने के लिए निकली महिला पत्रकार के साथ डीटीसी बस में छेड़छाड़ हुई. खचाखच भरी बस में कुछ देर खड़े होने के बाद एक स्टॉप पर बस रुकी, जहां से 5 टिकट चेक करने वाले डीटीसी कर्मचारी बस में चढ़े. लड़की का आरोप है कि इन कर्मचारियों में से एक ने उस से टिकट मांगते समय आपत्तिजनक तरह से छुआ.


लड़की ने इसका विरोध जाहिर किया तो टिकट चेकर ने धमकी भरे अंदाज में बोला," मुझसे मत उलझ." लड़की ने कंडक्टर और ड्राइवर को बोला कि बस का दरवाजा ना खोला जाए लेकिन कंडक्टर के कहने पर बस का दरवाजा खोल दिया गया. लड़की ने मार्शल से भी मदद मांगी लेकिन भीड़ होने की वजह से मार्शल को लड़की की मदद के लिए पहुंचने में समय लग गया. लड़की ने पुलिस से शिकायत करने की धमकी दी तो कंडक्टर द्वारा उसे बोला गया कि आप यहीं उतर जाइए और जिसे चाहें शिकायत कीजिए. बहादुर महिला ने तब तक बस से उतरने को माना कर दिया जब तक उसे पास के थाने नहीं ले जाया गया. महिला ने नोएडा के एसएसपी को ट्वीट कर ये जानकारी दी ,जिसके बाद पुलिस हरकत में आयी.


बस के मार्शल अनिल ने एबीपी न्यूज़ को बताया "किसी भी पैसेंजर के साथ दुर्व्यवहार ना हो, ये सुनिश्चित करना मेरा काम है. मेरा आज रूट नंबर 33 था. सेक्टर तैतालीस से भजनपुरा तक मैं बस में था. पीछे का दरवाजा खुला तो वो लोग पीछे के दरवाजे से निकल गए. पीछे एक आपातकालीन लाल रंग का बटन लगा होता है जिस से कोई भी दरवाजा खोल सकता है." मार्शल ने यह अफसोस भी जताया कि उनके पास डंडा या कोई और हथियार नहीं होता है ,जिस वजह से वो किसी भी तरह की मदद करने में सक्षम नहीं होते हैं, लेकिन महिला पत्रकार ने कहा कि मार्शल चाहता तो बस के रुकने पर टिकट चेकर को आगे वाले दरवाजे से उतर कर पकड़ लेता लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया.


महिला पत्रकार पिंक टिकट से सफर कर रही थीं. उन्होंने बताया कि महिलाओं को सिर्फ फ्री बस का सफर देने से कुछ नहीं होगा. जरूरी है कि इन जैसे ड्राइवर, कंडक्टर और मार्शल को दुरुस्त किया जाए. फिलहाल नोएडा सेक्टर ,24 के थाने में पांच टिकट चैकर, मार्शल , ड्राइवर, कंडक्टर के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है और सभी पहलुओं की जांच की जाएगी. एबीपी न्यूज़ की पड़ताल में ये भी सामने आया कि बस में एक भी सीसीटीवी कैमरा नहीं लगा था. डीटीसी की हर बस में सीसीटीवी कैमरा लगवाने का दावा दिल्ली सरकार बीते पांच साल से कर रही है लेकिन अब भी इस तरह के वाहन सुरक्षा में चूक बन सकते हैं साथ ही आगामी चुनाव में विरोधी पार्टियों को मौजूदा सरकार के खिलाफ सवाल उठाने का मौका भी से सकते हैं.


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