श्रीनगर:फुटबॉलर से आतंकी बने माजिद इरशाद ने श्रीनगर में सुरक्षाबलों के सामने सरेंडर कर दिया. दक्षिण कश्मीर के रहने वाले माजिद को सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने माफ कर दिया, मतलब अब इस पर अब कोई केस नहीं चलेगा. दरअसल ABP न्यूज ने कल रात 'घंटी बजाओ' में खबर दिखाई थी. अपनी मां के आंसुओं को टीवी पर देखकर आतंक की दुनिया छोडकर माजिद वापस आ गया. बता दें कि फुटबॉलर के तौर पर पहचान बना चुका माजिद अपने दोस्त की मौत के कारण लश्कर ज्वाइन कर लिया था. माजिद की मां रो रो कर उसके वापस आने की दुआ कर रही थी.
आपको बता दें कि जो गुमराह युवक आतंका का रास्ता छोड़कर लौटते हैं उन्हें सरकार की तरफ से मदद मिलती है.
- उस शख्स के नाम पर बैंक अकाउंट में डेढ़ लाख की एफडी की जाती है
- अच्छे बर्ताव के बाद इस रकम को तीन साल बाद पूरी तरह निकाला जा सकता है
- साथ ही सरेंडर के बाद तीन साल तक 2000 रुपए का स्टाइपन दिया जाता है
नौजवानों को वापस लाने का अभियान
घाटी में पिछले कुछ समय से सुरक्षाबलों ने एक अभियान चलाया हुआ है. इस अभियान के तहत हाल ही में आतंकवादी गुटों में शामिल हुए नौजवानों को वापस लाने का काम किया जा रहा है. सुरक्षाबलों ने माजिद को सरेंडर की पेशकश की थी. जिसे उसने मान लिया.
मां का रो-रो कर बुरा हाल था
माजिद की मां उसके आतंकी बनने से बेहद दुखी थी और उसके जल्द से जल्द वापस लौटने के लिए रो-रो कर प्रार्थना कर रही थी. माजिद के आतंकी बनने के बाद उसके पिता को तो इस बात का अहसास भी नहीं था. मां और पिता मानो एकाएक सदमे में चले गए हों.
दोस्त की वजह से बना आतंकी
माजिद का दोस्त यावर निसार जुलाई में एक आतंकवादी गुट से जुड़ गया था. एक महीने बाद ही पुलिस और अर्धसैनिक बलों ने उसे एनकाउंटर में मार गिराया. माजिद अपने दोस्त के मौत से इतना दुखी हुआ कि उसने भी आतंकवादी गुट जॉइन कर लिया. आतंकवादी बनने के लिए गायब होने से पहले माजिद ने खुद को समाज से दूर कर लिया था. वो किसी से भी बात करना पसंद नहीं करता था.