भोपाल: भोपाल की स्थानीय कोर्ट ने भोपाल गैंगरेप मामले में सभी चार दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई. अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सविता दूबे ने भोपाल गैंगरेप मामले के सभी आरोपियों गोलू (25), अमर (24) राजेश चेतराम (26) और रमेश मेहरा (45) की मौजूदगी में चारों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई. कोर्ट ने आईपीसी की धारा 307 और 376 (डी) के तहत आरोपियों को यह सजा सुनाई है.


क्या है पूरा मामला?


हबीबगंज रेलवे स्टेशन के पास कोचिंग क्लास से वापस लौट रही 19 वर्षीय छात्रा के साथ आरोपियों ने 31 अक्तूबर की शाम को सामूहिक बलात्कार कर उसे जान से मारने का प्रयास किया था. मध्यप्रदेश हाई कोर्ट ने स्थानीय कोर्ट को इस मामले में प्रतिदिन सुनवाई करने के निर्देश दिए थे.



नशेडियों ने दिया था इस वारदात को अंजाम: भोपाल गैंगरेप के आरोपी रेलवे पटरियों पर अक्सर दिखने वाले नशेड़ी थे. पिछले एक साल में भोपाल रेलवे स्टेशन पर साढ़े तीन हजार से अधिक नशेड़ियों को पकड़ा गया लेकिन मामूली जुर्माने के बाद छोड़ दिया गया. गैंगरेप के मुख्य आरोपी गोलू को भी पकड़ा गया था और उसका पुलिस रिकॉर्ड भी था.


सीमा विवाद में उलझाया गया: पीड़ित छात्रा के माता-पिता दोनों ही पुलिस में हैं लेकिन फिर भी 11 घंटे तक सीमा विवाद में उन्हें उलझाया गया. उन्हें एक थाने से दूसरे थाने दौड़ाते रहे. इससे साफ है कि मध्य प्रदेश में पुलिस किस तरह अपना काम करती है.


पास में ही था थाना: एक रिपोर्ट के मुताबिक ये वारदात जिस जगह हुई वहां से रेवलवे पुलिस का थाना 100 मीटर की दूरी पर है और पहुंचने में दो मिनट से भी कम का वक्त लगता है. पुलिस थाने के आस पास इस तरह की वारदात का होना गंभीर सवाल खड़े करता है.


छात्रा करती रही थी संघर्ष: लड़की ने पुलिस को जो बयान दिया था उसके मुताबिक अमर और गोलू से वह बेहोश होने तक संघर्ष करती रही. करीब आधे घंटे तक वह दोनों के साथ लड़ती रही लेकिन अंत में वह हार गई. बदमाशों के उसके हाथ बांध दिए थे. इसके बाद लड़की बेहोश हो गई.