नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले के रासना जंगल में जनवरी में घोड़ों को चराने गई बकरवाल समुदाय की आठ साल की लड़की लापता हो गई थी. उसका शव एक हफ्ते बाद बरामद किया गया. जांच में खुलासा हुआ है कि उसे बंधक बना कर रखा गया था और उसके साथ रेप से पहले नशीली दवाएं दी गई और उसकी हत्या कर दी गई.


8 साल की मासूम के साथ रेप और हत्या के इस मामले में आज पुलिस ने आरोपियों को कोर्ट में पेश किया, इस मामले में क्राइम ब्रांच ने 8 आरोपी बनाए है जिसमें से एक नाबालिग है, कोर्ट में 7 आरोपियों को पेश किया गया.


चार्जशीट के मुताबिक ये है वो सभी आरोपी...


आरोपी नम्बर 1- पुलिस की इस चार्जशीट में पहला आरोपी 15 साल का स्कूल ड्रॉपआउट है, जिसने पशुओं को चराने गई लड़की का अपहरण कर नशीली दवाएं खिलाई और फिर उसके साथ रेप किया, ये सांझी राम का भतीजा है.


आरोपी नम्बर 2- सांझी राम- चार्जशीट में मास्टरमाइंड और पूर्व राजस्व अधिकारी, 60 साल का सांझी राम मामले का दूसरा आरोपी है, क्राइम ब्रांच ने इस चार्जशीट में इस पूरे घटनाक्रम का मास्टरमाइंड सांझी राम को बताया गया है, चार्जशीट के मुताबिक सांझी राम इलाके से इस अल्पसंख्यक बकरवाल समुदाय को हटाना चाहता था, इसलिए उसने ये साजिश रची.


आरोपी नम्बर 3- दीपक खजुरिया- ये स्पेशल पुलिस ऑफिसर है, जिसने बच्ची को मारने से पहले एक बार रेप करने की इच्छा जाहिर की थी, कॉल डेटा रिकॉर्ड के हवाले से भी सामने आया कि वह उसी जगह पर मौजूद था जहां बच्ची को 4 दिनों के लिए बंद कर रखा गया था.


आरोपी नम्बर 4- सुरेंदर वर्मा, ये इस मामले का मामले का चौथा आरोपी है, ये भी स्पेशल पुलिस ऑफिसर है.चश्मदीदों ने उसे घटना वाली जगह देखा था. कॉल डेटा रिकॉर्ड में भी उनकी मौजूदगी सामने आई, चार्जशीट के मुताबिक ने नशीली दवाई खरीदने में मदद की थी.


आरोपी नम्बर 5- प्रवेश कुमार- ये नाबालिक युवक का दोस्त है, नाबालिक ने अपने इस दोस्त के साथ मिलकर बच्ची का अपहरण किया था नाम लिया था, इस पर बच्ची के साथ लगातार रेप करने का इल्जाम है.


आरोपी नम्बर 6- विशाल जंगोत्रा ये इस मामले का छठा आरोपी है, इसे फरेंसिक टेस्ट के आधार पर गिरफ्तार किया गया था, विशाल, मेरठ में पढ़ता था और वो नाबालिक आरोपी के कहने पर आया था, चार्जशीट के मुताबिक नाबालिक ने कहा था कि अगर हवस मिटानी है तो आ जा, ये सांझी राम का बेटा है.


आरोपी नम्बर 7- आनंद दत्ता- ये हीरानगर थाने का सब- इंस्पेक्टर है, इसपर आरोप है कि इसने पैसे लेकर मामले को रफा दफा करने की कोशिश की और सुबूत नही जुटाए.


आरोपी नम्बर 8- तिलक राज- ये भी हीरानगर थाने का हेड कॉन्स्टेबल है इसपर भी आरोप है रिश्वत लेने का और सुबूत ना जुटाने का.