नई दिल्ली: आसाराम बापू का विवादों से पुराना नाता रहा है. उन पर कई तरह के आरोप लग चुके हैं लेकिन फिर भी उनके समर्थक उन्हें पाक-साफ मानते हैं और उनकी पूजा तक करते हैं. पिछले काफी वक्त से आसाराम जेल में हैं लेकिन उनके समर्थक उन्हें रिहा करने की ना केवल ऑनलाइन अपील करते रहते हैं बल्कि अक्सर प्रदर्शन भी करते रहते हैं.


कौन हैं आसाराम
आसाराम का जन्म 1941 में पाकिस्तान के सिंध इलाके में हुआ था. उनका असली नाम असुमल हरपलानी है. विभाजन के बाद परिवार अहमदाबाद में बसा तो असुमल भी साथ आए. 20 बरस की उम्र से ही उनका रूख आध्यात्म की ओर हो गया. लीलाशाह उनके गुरू बने और असुमल हो गए आसाराम.



ऐसे बढ़ता रहा साम्राज्य
अहमदाबाद के पास मुटेरा कस्बे में उन्होंने पहला आश्रम खोला. धीरे-धीरे इलाके के लोग उनके पास आने लगे और उनकी ख्याति फैलने लगी. 400 आश्रम और 4 करोड़ अनुयायी होने का दावा करने वाले आसाराम के पास नेता भी पहुंचने लगे और अभिनेता भी. उनके जलवे की स्थिति ये थी कि पीएम और सीएम तक उनसे मिलने के लिए उनके आश्रम में पहुंचते थे.


राजनीतिज्ञ नतमस्तक रहते थे
आसाराम के प्रवचनों को सुनने के लिए जो भीड़ पहुंचती थी, नेताओं की नजरें उस भीड़ पर जा टिकीं. इस भीड़ को नेता वोट में बदलना चाहते थे और यही कारण था कि हर पार्टी के नेता इन प्रवचनों में दिखाई देने लगे. लेकिन जब आसाराम पर गंभीर आरोप लगे तो सभी नेताओं से उनसे किनारा करना ही सही समझा.


क्या हैं आरोप
उत्तर प्रदेश की एक नाबालिग लड़की द्वारा कथित तौर पर आसाराम पर जोधपुर के बाहरी इलाके में स्थित अपने आश्रम में यौन उत्पीड़न का आरोप लगाए जाने के बाद उन्हें 2013 में गिरफ्तार किया गया था. इसके बाद उन्हें इंदौर से लाया गया और जोधपुर केंद्रीय कारागार में रखा गया.