Lawrence Bishnoi: गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई पहली बार कब हुआ था गिरफ्तार, ये है पहले अपराध की कहानी
Lawrence Bishnoi: लॉरेंस पर करीब 50 केस दर्ज हैं. राजस्थान की जेल में बंद लॉरेंस वहीं से ही अपने गैंग को ऑपरेट करता है. उसके गैंग में करीब 700 शार्प शूटर हैं, जो कनाडा और अन्य देशों में भी मौजूद हैं.
![Lawrence Bishnoi: गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई पहली बार कब हुआ था गिरफ्तार, ये है पहले अपराध की कहानी Gangster Lawrence Bishnoi arrested for the first time and know the story of the first crime in Punjab Lawrence Bishnoi: गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई पहली बार कब हुआ था गिरफ्तार, ये है पहले अपराध की कहानी](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/03/15/6bb044997dcb64e308b848e9a22d8d7d1678854560287398_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Lawrence Bishnoi: पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला की पिछले साल गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. पुलिस जांच में सामने आया कि गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई हत्या का मास्टरमाइंड है. मूसेवाला हत्याकांड के आरोपी लॉरेंस बिश्नोई ने बताया कि गोल्डी बरार ने मूसेवाला की हत्या कराई थी. बरार ने ही पूरी योजना बनाई थी. मूसेवाला हमारे विरोधी गैंग का समर्थन करता था, इसलिए मैं उससे खफा था. हाल ही में लॉरेंस बिश्नोई ने एबीपी को दिए इंटरव्यू में कई खुलासे भी किये हैं. लॉरेंस ने बताया कि कैसे वह पहली बार गिरफ्तार हुआ था. ऐसे में आज हम आपको लॉरेंस के पहले अपराध की कहानी बताएंगे.
जब पहली बार गिरफ्तार हुआ लॉरेंस बिश्नोई
साल 2014 में पहली बार लॉरेंस बिश्नोई को गिरफ्तार किया गया था. मगर, मोहाली के पास से वह फरार होने में सफल रहा था. इसके बाद साल 2016 में लॉरेंस को गिरफ्तार हुआ था. लॉरेंस पर हत्या, हत्या की कोशिश, हमला, जबरन वसूली और डकैती सहित 50 से अधिक मामले दर्ज है. पहले राजस्थान की जेल में बंद लॉरेंस को दो साल पहले मकोका मामले में दिल्ली की तिहाड़ जेल में शिफ्ट किया गया. इसके बाद से वो जेल नंबर 8 में बंद था. वहीं, सिद्धू मूसेवाला की हत्या के बाद वो दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की रिमांड पर है.
लॉरेंस बिश्नोई के पहले अपराध की कहानी
लॉरेंस बिश्नोई पंजाब के फाजिल्का (अबोहर) का रहने वाला है. पिता पंजाब पुलिस में कांस्टेबल के पद पर काम कर चुके हैं और माता ग्रहणी हैं. लॉरेंस की पढ़ाई फजिल्का में हुई और कॉलेज की पढ़ाई के लिए चंडीगढ़ आकर उसने डीएवी कॉलेज में एडमिशन लिया. बस यही से ही उसने जुर्म की दुनिया में कदम रखा. उसने चुनाव लड़ने के लिए एक संगठन बनाया, जिसका नाम स्टूडेंट आर्गेनाइजेशन ऑफ़ पंजाब यूनिवर्सिटी था. इसके बाद उसने छात्र संघ का चुनाव लड़ा और हार गया. हार से बौखलाए लारेंस ने एक पिस्तौल खरीदी चुनाव जीतने वाली पार्टी के पास गया. साल 2011 में लॉरेंस और चुनाव जीतने वाली टीम उदय ग्रुप से आमने-सामने आये. इस दौरान लॉरेंस ने फायरिंग कर दी और मामला पुलिस तक पहुंचा, जहां उस पर पहला केस दर्ज हुआ.
इसके बाद उसने दूसरे ग्रुप को सबक सिखाने के लिए एक बड़े गैंगस्टर से हाथ मिला लिया. जग्गू भगवानपुरी नाम का यह कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस का गुरु बन गया. इसके बाद जग्गू ने उसे जुर्म की दुनिया के सारे पैतरे सिखाए. लॉरेंस पर अब तक करीब 50 केस दर्ज है. राजस्थान की जेल में बंद लारेंस वहीं से ही अपने गैंग को ऑपरेट करता है. उसके गैंग में करीब 700 शार्प शूटर हैं, जो कनाडा और अन्य देशों में भी मौजूद हैं.
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)