Ghaziabad: सोशल मीडिया के नुकसान कम नहीं है, लेकिन इसका फायदा क्या होता है. ये उस शख्स से पूछिए, जिसकी जान इसी सोशल मीडिया की वजह से बच गई. दरअसल, सोशल मीडिया कंपनी मेटा से एक अलर्ट और एक एसएचओ की तत्परता ने गाजियाबाद में एक युवक की जान बचा ली. पुलिस के अनुसार, गाजियाबाद जिले के विजय नगर में 23 वर्षीय एक युवक फेसबुक लाइव पर आत्महत्या की कोशिश कर रहा था. इसकी जानकारी जैसे ही फेसबुक के कैलिफोर्निया में बैठे मेटा अधिकारियों को लगी. उन्होंने यूपी पुलिस के लखनऊ मुख्यालय को सूचना दी.


बताया जा रहा है कि इसके बाद मुख्यालय से गाजियाबाद पुलिस को फोन कर अलर्ट किया गया. इसकी खबर मिलते ही विजय नगर थाने की एसएचओ अनीता चौहान ने तत्काल कार्रवाई करते हुए युवक की जान बचाने की कोशिश की और उसमें कामयाबी हासिल की.


फेसबुक लाइव पर कर रहा था आत्महत्या
पुलिस के मुताबिक, आत्महत्या की कोशिश करने वाला युवक कन्नौज से बीएससी स्नातक कर चुका है. उसे बिजनेस में घाटा लगा था और उसने 90 हजार रुपये गंवा दिए थे. यह पैसा उसके परिवार ने उसकी बहन की शादी के लिए रखा था. पुलिस ने बताया कि युवक ने मंगलवार (31 जनवरी) रात करीब 10 बजे एक फेसबुक लाइव वीडियो शुरू किया. उसमें वो कह रहा था कि उसके पास खुद को मारने के अलावा कोई विकल्प नहीं है. उसने बताया कि उसके गलत फैसले की सजा उसके परिवार को भुगतनी पड़ेगी. 


कैलिफोर्निया में मेटा अधिकारियों ने किया अलर्ट
अमेरिका के कैलिफोर्निया में कुछ मेटा अधिकारियों ने इस लाइव वीडियो देखा. जिसके बाद उन्होंने तुरंत लखनऊ मुख्यालय में उस युवक के सोशल मीडिया अकाउंट, उसका फोन नंबर और जगह की जानकारी यूपी पुलिस को भेजी. साइबर टीम ने विजय नगर में प्रताप विहार के व्यक्ति के आईपी एड्रेस का पता लगाया और गाजियाबाद में अपने समकक्षों को जानकारी दी. विजय नगर पुलिस स्टेशन की महिला एसएचओ अनीता चौहान (52) रूटीन राउंड से स्टेशन लौट रही थीं, तभी उन्हें पुलिस उपायुक्त निपुण अग्रवाल से एक व्यक्ति के कथित आत्महत्या के प्रयास के बारे में अलर्ट मिला.


युवक का घर खोजना था चुनौती
डीसीपी के साथ कॉल पर चार मिनट बात करने के बाद चौहान के फोन पर उस व्यक्ति का फोन नंबर और सामान्य स्थान फ्लैश हुआ. एसएचओ ने परेशान युवक को खोजने के लिए एक मिशन शुरू किया. एसएचओ अनीता चौहान के नेतृत्व में एक पुलिस टीम प्रताप विहार में उस व्यक्ति के घर के लिए रवाना हुई, लेकिन रात में घर की पहचान करना एक चुनौती थी. चौहान जानती थीं कि वे समय पर उस व्यक्ति के घर का पता नहीं लगा पाएंगे, क्योंकि क्षेत्र में लगभग 500 घर थे. वहीं, लाउडस्पीकरों के उपयोग से क्षेत्र में रहने वाले निवासियों में अफरातफरी का माहौल बन सकता था.



आठवीं कोशिश में उठाया कॉल
अनीता चौहान ने सूझबूझ का परिचय देते हुए युवक के मोबाइल पर लगातार कॉल की. हालांकि, शुरुआती कुछ कॉलें युवक ने नहीं उठाईं. आखिरकार आठवीं बार में उसने फोन उठा ही लिया. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, चौहान ने युवक को अपना परिचय दिया और आश्वासन दिया कि पुलिस उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करेगी. इसके बाद चौहान उसके आत्महत्या करने के कारणों को समझने के लिए उससे सवाल पूछे. जब चौहान ने उससे उसके परिवार के बारे में पूछा, तो वह रोने लगा और उसने मुझे बताया कि उसने 90,000 रुपये खो दिए जो उसकी मां ने अपनी बहन की शादी के लिए जोड़े थे. 


मोबाइल फोन बेचने के व्यवसाय में हुआ था नुकसान
गाजियाबाद के सहायक पुलिस आयुक्त अंशु जैन ने कहा कि युवक ने सेकेंड हैंड मोबाइल फोन बेचने का अपना व्यवसाय शुरू करने के लिए मार्च 2022 में गुड़गांव की एक कंपनी में नौकरी छोड़ दी थी. छह महीने पहले उसने अपनी मां से पैसे लेकर व्यवसाय शुरू किया. उसने अपनी मां से वादा किया था कि वह इस साल पैसे लौटा देगा, लेकिन वह इस कारोबार में सब कुछ खो बैठा. मंगलवार को एसएचओ और उनकी टीम द्वारा दो घंटे तक युवक कि काउंसलिंग की गई, जब तक कि उसके परिवार के लोग नहीं आ गए. अब वह उनके साथ कन्नौज वापस आ गया है.


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