नई दिल्ली/गाजियाबाद : एनसीआर के गाजियाबाद स्थित इंदिरापुरम से 13 फरवरी को लापता हुयी आर्ची अपने परिवार के पास पहुंच गई है. इसके साथ ही इस मामले में पुलिस ने कई अहम खुलासे किये हैं. पुलिस के मुताबिक जाँच में सामने आया है की आर्ची अपनी मर्जी से घर से गयी थी.


कांगड़ा पुलिस को वह रोडवेज बस स्टैंड पर मिली थी


आर्ची यादव ने कई बार अपने बयान बदले हैं. आर्ची के गाजियाबाद से गायब होने एक दिन बाद कांगड़ा पुलिस को वह रोडवेज बस स्टैंड पर मिली थी. वहां से कांगड़ा पुलिस ने उसे चाइल्ड केयर सेंटर भेज दिया था. इसके साथ ही बताया जा रहा है कि आर्ची, टीचर और स्टडी के दबाव में गयी थी.


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पुलिस को उसने अपना नाम टीना बताया


ये बात वहां की पुलिस कह रही है. पुलिस के मुताबिक अब तक की जानकारी के मुताबिक कांगड़ा पुलिस को 14 तारिख को आर्ची मिली. उसने अपना नाम टीना बताया. आर्ची ने बताया की वो हरिद्वार के अनाथ आश्रम से आई है. वो अनाथ है और उसके साथ मारपीट करते हैं. पुलिस ने बयान दर्ज कराया.


आर्ची ने ये भी बताया कि वो हरिद्वार में पढ़ती थी


वहां के चाइल्ड केयर में दाखिल करवाया. उसके बताये तथ्य जांच में सही नहीं निकले. आर्ची ने ये भी बताया कि वो हरिद्वार में पढ़ती थी. ये बात भी सच नहीं मिली. जब ये सब वेरीफाई नहीं हुआ तो उसने वनस्थली स्कूल गाज़ियाबाद बताया. काउंसलिंग के बाद अपना सही पता और नंबर बताया.


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आर्ची ने बताया कि महिला ने उसे हिप्नोटाइज़ किया


इसके साथ ही आर्ची ने बताया कि महिला ने उसे हिप्नोटाइज़ किया. उसे नहीं पता की क्या हुआ. बाद में वो सीधे कांगड़ा पहुंची. हालाँकि, महिला वाली बात भी जांच में सही नहीं पाई गई है. क्योंकि, मौके पर मिले सीसीटीवी में पुलिस को कहीं कोई महिला नहीं दिखाई दी थी.


फ़िज़िक्स और केमेस्ट्री के असाइनमेंट नहीं पूरे कर पाई थी


उसके बाद उसने बताया कि दो कुरियर वाले लड़के आये थे. यह बात भी सीसीटीवी में नहीं है. फाइनली ये कहा कि जिस स्कूल में पढ़ती है फ़िज़िक्स और केमेस्ट्री के असाइनमेंट नहीं पूरे कर पाई थी, इसलिए कदम उठाया. ये बात स्कूल में वेरीफाई हो गयी.