नई दिल्ली: गुरूग्राम में नौ माह के एक मासूम की हत्या के बाद उसकी मां से कुछ हत्यारों ने सामूहिक दुष्कर्म मामले में पुलिस ने आरोपियों के पीड़ित महिला की सहायता से स्केच बनाने की कोशिश. इसके साथ ही पुलिस ने मानेसर, फरुखनगर और पटौदी गुरुग्राम के रूटो पर चलने वाले ऑटो चालकों की भी खंगाली.
पुलिस वारदात के इलाके की सीसीटीवी फुटेज भी खंगाल रही है. जांच में तेजी का हवाला देते हुए पुलिस ने दावा किया कि जांच कई थानों की अतिरिक्त टीम से भी मदद ली जा रही है. आपको बता दें इस मामले में अभी तक पुलिस के हाथ के हाथ खाली हैं.
क्या है पूरा मामला ?
दिल्ली से सटे साइबर सिटी गुरुग्राम के आईएमटी मानेसर पुलिस थाने में हैवानियत, हत्या और गैंगरेप का मामला दर्ज हुआ है. बीती 29 मई को बिहार की रहने वाली पीड़ित ने गुरुग्राम पुलिस को अपनी 9 महीने की बच्ची की हत्या की शिकायत दी थी. आरोप ऑटो सवार तीन युवकों पर लगाया था. लेकिन, इसके बाद पीड़िता ने गुरुग्राम पुलिस को 3 जून को अपने साथ बीती हैवानियत और गैंगरेप की वारदात की जानकारी दी.
पुलिस ने बीती 3 जून को पीड़ित के बयान दर्ज किए और मेडिकल करवाया
गुरूग्राम पुलिस ने बीते 3 जून को पीड़ित के बयान दर्ज किए और मेडिकल करवाया. जिसमें पुष्टि होने के बाद हत्या के मामले के साथ गैंगरेप की धारा को भी जोड़ दिया गया. वहीं मामले की जांच कर रहे आईएमटी मानेसर के थाना प्रभारी नरेंद्र यादव की माने तो 27 वर्षीय पीड़िता मानेसर के बाँसकुसला में किराए के मकान में अपने पति के साथ रहती है. 29 मई की देर रात को पड़ोस में हुए झगड़े से घबरा कर अपने मायके खांडसा जाने के लिए अपनी 9 महीने की बच्ची को लेकर निकली थी.
रास्ते में एक ऑटो ने लिफ्ट में बहाने पीड़ित को अपने ऑटो में बैठा लिया
पुलिस सूत्रों की माने तो रास्ते में एक ऑटो ने लिफ्ट में बहाने पीड़ित को अपने ऑटो में बैठा लिया. उसके साथ छेड़छाड़ करने लगे. जिससे हुई छीना-झपटी से 9 महीने की मासूम रोने लगी. यह रोना ऑटो में बैठे हैवानों को नागवार गुजरा और तीनों में से किसी एक ने दुधमुंही बच्ची को चलते ऑटो से सड़क पर इतनी जोर से पटका की उसकी मौके पर ही मौत हो गयी.
सेक्टर-8 में सुनसान जगह पर ले जा कर पीड़ित के साथ बारी-बारी से दुष्कर्म किया
मासूम की मौत के बाद तीनों हत्यारोपियों ने मानेसर के सेक्टर-8 में सुनसान जगह पर ले जा कर पीड़ित के साथ बारी-बारी से दुष्कर्म किया. तीनों हत्यारोपी गैंगरेप करने के बाद भी कानून को धता बताते हुए पीड़िता को 5 घंटो तक घुमाते रहे. फिर मानेसर इलाके में छोड़ फरार हो गए. हालांकि शुरूआती जांच में पीड़िता ने गैंगरेप का मामला इसलिए भी छुपाया की कहीं उसका पति उसे इस वारदात के बाद छोड़ न दे.