गुरुग्राम : दिल्ली से सटे गुरुग्राम(पहले गुड़गांव) में मंगलवार को जमीन पर कब्जा दिलवाने गई पुलिस और ग्रामीणों के बीच खूनी संघर्ष हुआ है. निजी बिल्डर को जमीन पर कब्जा दिलाने गई पुलिस पर ग्रामीणों ने पथराव कर दिया. जिसमें एक दर्जन से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हो गए. जबकि, बादशाहपुर SHO इंस्पेक्टर राजेंद्र यादव को सर में गंभीर चोट आई है. उन्हें मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया है.


साढ़े तीन एकड़ ज़मीन पर निजी बिल्डर अपनी कंस्ट्रक्शन कर रहा था


इस घटना में कुछ ग्रामीणों को भी चोट आई है. दरअसल गुरुग्राम के सेक्टर 67 में आनेवाले रामगढ़ गांव में साढ़े तीन एकड़ ज़मीन पर निजी बिल्डर अपनी कंस्ट्रक्शन कर रहा था. जिस पर ग्रामीण अपना हक जता रहे हैं. ग्रामीणों का विरोध देख कंपनी ने पुलिस को बुला लिया. जब पुलिस मौके पर पहुंची तो लोगों ने पुलिस पर पथराव करना शुरू कर दिया. इस पथराव में एक इंस्पेक्टर राजेंद्र यादव को सर में गंभीर चोट आई है, जिसके चलते उनके सिर में 15 टांके लगे हैं.


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अधिग्रहण करने के लिए सेक्शन 4 और 6 के नोटिस जारी कर दिए


साल 2011 में हरियाणा सरकार ने रामगढ़ गांव की जमीन को अधिग्रहण करने के लिए सेक्शन 4 और 6 के नोटिस जारी कर दिए. अधिक अधिग्रहण के डर से ग्रामीणों ने जमीनों को निजी बिल्डर के हाथ औने-पौने दामों पर बेच दिया. बाद में सरकार ने सभी जमीन को रिलीज कर दिया. ग्रामीणों ने इसका विरोध करते हुए पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में केस डाल दिया. कुछ दिन से बिल्डर अपनी इस जमीन पर चार दिवारी का काम चला रहे हैं.


प्रदर्शन उग्र हो गया और पुलिस पर पथराव शुरु कर दिया


लेकिन, मंगलवार को ग्रामीणों ने इसका विरोध करना शुरु कर दिया. प्रदर्शन उग्र हो गया और पुलिस पर पथराव शुरु कर दिया. पुलिस ने भीड़ को काबू करने के लिए लाठीचार्ज कर दिया और आंसू गैस के गोले भी छोड़े. जिस गांव में यह घटना हुई है, उसी गांव से तेजपाल तंवर बीजेपी के विधायक हैं और उनके घर के पास ही यह घटना हुई है. ग्रामीणों ने पुलिस पर आरोप लगाए हैं कि पुलिस ने ग्रामीणों के साथ मारपीट की है.


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