Gurugram Couple Sacked From Jobs: नाबालिग घरेलू सहायिका को कथित रूप से प्रताड़ित करने और उसका यौन शोषण करने के आरोप में गिरफ्तार किए गए गुरुग्राम के पति-पत्नी को उनकी नौकरियों से बर्खास्त कर दिया गया है. एक सामाजिक कार्यकर्ता ने लड़की को छुड़ाने के लिए पूरे मामले का खुलासा किया, जिसके बाद दंपति को गिरफ्तार कर लिया गया. लड़की को पति-पत्नी ने बुरी तरह प्रताड़ित किया था. पांच महीने तक पीड़ित लड़की को लाठी, ब्लेड और गर्म चिमटे से पीटा गया था. पुलिस ने गुरुवार (09 फरवरी) को उस प्लेसमेंट एजेंसी की तलाश शुरू की जिसके जरिए नाबालिग लड़की को घरेलू सहायिका के काम पर रखा गया था.
समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, पीआर एजेंसी जिसके लिए महिला काम करती थी और बीमा कंपनी जहां उसका पति कार्यरत था, दोनों ने ट्विटर पर बर्खास्तगी की घोषणा की. प्राइवेट कंपनी में काम करने वाले दंपत्ति ने लड़की के साथ मारपीट करने के लिए लाठी-डंडे और ब्लेड का इस्तेमाल किया. उसे गर्म चिमटे से भी दागा जाता था. कमलजीत कौर को नौकरी से निकाले जाने पर, पीआर एजेंसी ने ट्वीट किया "हम कमलजीत कौर के खिलाफ मानवाधिकारों और बाल शोषण के आरोपों के बारे में जानकर स्तब्ध हैं. एक संगठन के रूप में, हम भारतीय कानूनी प्रणाली का सम्मान करते हैं और किसी भी प्रकार के मानवाधिकारों के दुरुपयोग के सख्त खिलाफ हैं. कंपनी ने उनकी सेवाओं को तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दिया है,"
बीमा कंपनी ने ट्वीट कर दी जानकारी
जिस बीमा कंपनी में मनीष कार्यरत थे, उसने ट्वीट किया कि वह हर समय उच्च स्तर के नैतिक और नैतिक आचरण को बनाए रखने में विश्वास करती है. कंपनी ने कहा, "हमने तत्काल प्रभाव से शख्स को नौकरी से निकाल दिया है." इस बीच, पुलिस ने उस प्लेसमेंट एजेंसी की तलाश शुरू कर दी है जिसके जरिए लड़की को नौकरी पर रखा गया था.
घर में बंद करके करते थे टॉर्चर
प्राथमिकी में कहा गया है कि झारखंड के रांची की रहने वाली पीड़िता को एक प्लेसमेंट एजेंसी के माध्यम से काम पर रखा गया था. पुलिस और वन स्टॉप क्राइसिस सेंटर सखी की संयुक्त टीम ने न्यू कॉलोनी से बच्ची को छुड़ाया. बाद में सखी केंद्र की प्रभारी पिंकी मलिक ने प्राथमिकी दर्ज कराई थी. प्राथमिकी के अनुसार, लड़की 17 साल की है न कि 14 साल की, जैसा कि एक पुलिस अधिकारी ने पहले बताया था. प्राथमिकी के मुताबिक, मनीष कौर उसे निर्वस्त्र करता था और उसके निजी अंगों पर चोट पहुंचाता था. पीड़िता ने कहा कि दंपति ने उसे अपने घर में कैद कर लिया और उसे अपने परिवार से बात नहीं करने दी. दंपति के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 323 (चोट पहुंचाना), 342 (गलत तरीके से कैद करना), 34 (सामान्य इरादा) और किशोर न्याय अधिनियम और यौन अपराधों के खिलाफ बच्चों के संरक्षण (POCSO) के प्रावधानों के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है.
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