Rajasthan Crime News: राजस्थान के भरतपुर जिले से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है. जहां एक गाय तस्कर होने के शक में दो युवकों को अगवा कर लिया गया. जिसके बाद उनके जले हुए अवशेष पड़ोसी राज्य हरियाणा के भिवानी में एक एसयूवी में मिले. युवकों के परिजनों का आरोप है कि उन पर हमला करने वाले बजरंग दल के सदस्य और हरियाणा के पुलिसकर्मी थे. 


परिजनों का आरोप है कि बुधवार को युवकों का अपहरण कर लिया गया और 22 घंटे बाद गुरुवार को भरतपुर से 200 किलोमीटर दूर उनके कंकाल मिले. पुलिस ने उनकी पहचान जुनैद और नासिर के रूप में की. सूत्रों ने कहा कि मृतकों में से एक पर गाय की तस्करी का आरोप था और उसके खिलाफ मामला दर्ज किया गया था. सूत्रों ने कहा, यह गाय की तस्करी से जुड़ा मामला हो सकता है. 


पुलिस मामले की जांच कर रही है
पुलिस और एफएसएल की टीमें मामले की जांच कर रही हैं. सूत्रों ने कहा कि डीएनए के नमूने एकत्र कर लिए गए हैं. एसएचओ राम नरेश मीणा ने कहा कि जुनैद और नसीर ड्राइवर थे. दोनों के दोस्त इस्माइल ने बुधवार रात उनकी गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराते हुए कहा था कि बुधवार सुबह, जब दोनों भरतपुर से निकले, तो बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने उन पर हमला कर दिया. पुलिस अधिकारियों ने बताया कि स्थानीय लोगों ने हरियाणा पुलिस को सूचना दी कि बोरवास की बनी (भिवानी) के पास एक जली हुई गाड़ी में दो कंकाल देखे गए हैं.


राजस्थान पुलिस की टीम जब वहां पहुंची, तो पता चला कि यह वही गाड़ी है, जिसका जिक्र गुमशुदगी की शिकायत में किया गया था. परिजनों के वहां पहुंचने के बाद पोस्टमॉर्टम कराया गया. आगे की जांच चल रही है. भिवानी के पुलिस अधीक्षक अजीत सिंह शेखावत ने कहा कि उन्होंने राजस्थान पुलिस के साथ मिलकर जांच शुरू कर दी है.


बजरंग दल पर आरोप
प्रथमदृष्टया ऐसा लगता है कि दोनों की मौत उनके वाहन में आग लगने के बाद हुई और आरोपी सबूत नष्ट करने के लिए वाहन को सुनसान जगह पर ले गए. पुलिस से की शिकायत में, जुनैद के भाई इस्माइल ने बजरंग दल के कार्यकर्ताओं, गौ रक्षकों और नूंह में फिरोजपुर झिरका की अपराध जांच एजेंसी (सीआईए) की टीम पर दोनों की पीट-पीट कर हत्या करने और उनके शवों को वाहन में आग लगाने का आरोप लगाया.


हमारे पास चश्मदीद गवाह हैं जो कहते हैं कि 'गौ रक्षक' और सीआईए टीम ने दोनों को रोका. डरकर उन्होंने भागने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने उनके वाहन में टक्कर मार दी. लोगों ने पुलिसकर्मियों और सात-आठ 'गौ रक्षकों' को पीड़ितों को सीआईए की गाड़ी में घसीट कर ले जाते देखा. इस्माइल ने आरोप लगाया, उन्हें बुरी तरह पीटने के बाद बजरंग दल के कार्यकर्ता और सीआईए की टीम उन्हें फिरोजपुर झिरका पुलिस थाने ले गई, लेकिन वहां के पुलिसकर्मियों ने उनकी गंभीर स्थिति को देखते हुए उन्हें हिरासत में लेने से इनकार कर दिया.


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