नयी दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने आरूषि-हेमराज हत्याकांड में राजेश और नूपुर तलवार को बरी करने के फैसले के खिलाफ सीबीआई की अपील पर सुनवाई के लिये सहमति दे दी. 2008 में डेंटिस्ट दंपत्ति राजेश और नूपुर तलवार के नोएडा स्थित घर में उनकी 14 साल की बेटी आरूषि की लाश मिली थी. आरूषि की गर्दन किसी धारदार चीज से काटी गयी थी. इस मामले की जांच के दौरान शुरू में शक घर के नौकर हेमराज पर गया, क्योंकि वह लापता था मगर दो दिन बाद घर की छत से उसकी लाश मिली थी.
जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस नवीन सिन्हा और जस्टिस के एम जोसेफ की पीठ ने कहा कि सीबीआई की अपील और हेमराज की पत्नी की तरफ से दायर अपील की साथ-साथ सुनवाई की जायेगी. बेंच ने जांच ब्यूरो की अपील स्वीकार कर ली. इन दोनों अपीलों में तलवार दंपत्ति को बरी करने के इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती दी गयी है.
जांच ब्यूरो की ओर से अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल मनिन्दर सिंह ने इस मामले में पहले से ही लंबित हेमराज की पत्नी की अपील का हवाला दिया. इस पर पीठ ने कहा कि जांच ब्यूरो की अपील उसके साथ ही संलग्न की जायेगी.
इस दोहरे हत्याकांड में गाजियाबाद स्थित सीबीआई की अदालत ने नवंबर, 2013 में तलवार दंपत्ति को उम्र कैद की सजा सुनाई थी.तलवार दंपत्ति ने अदालत के इस फैसले को इलाहाबाद हाई कोर्ट में चुनौती दी थी. हाई कोर्ट ने तलवार दंपत्ति को बरी करते हुये कहा था कि मौजूदा साक्ष्यों के आधार पर उन्हें दोषी नहीं ठहराया जा सकता.