हनीट्रैप में खुलासा- लडकियों को नौकरी के नाम पर फंसाकर गलत धंधे में उतारा जाता था
जांच दल ने इन महिलाओं के फोन और कुछ लैपटॉप से सैंकडों की संख्या में आडियो वीडियो क्लिप बरामद किये हैं. जिनकी सत्यता की जांच हो रही है.
भोपाल: हनीट्रैप मामले में जो नई जानकारियां सामने आ रहीं हैं वो हैरान करने वाली हैं. हनीट्रैप की दोनों सरगना श्वेता छोटे शहरों की नयी उमर की लडकियों को नौकरी के नाम पर अपने जाल में फंसाती थीं. इसके बाद उनको प्रभावशाली लोगों के आगे कर ब्लेकमेल करवाती थीं. पुलिस ने इस मामले में आरोपी मोनिका के पिता के कहने पर पांच लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर सीआईडी को जांच सौंप दी है.
मध्य प्रदेश के हनीट्रैप मामले में नया खुलासा हुआ है जिससे पता चला है कि नगर निगम के अधिकारी से पचास लाख वसूलने गयीं दो लडकियों आरती दयाल और मोनिका यादव में से मोनिका बेहद प्रतिभाशाली थी मगर वो अभिषेक के बहकावे में आकर आरती से मिली और आरती ने उसे नौकरी का लालच देकर इस धंधे में उसे उतार दिया.
मोनिका के पिता की शिकायत पर पुलिस ने अभिषेक सहित बाकी की चार महिलाओं के खिलाफ मानव तस्करी का मामला दर्ज कराया है जिसकी जांच भोपाल में सीआईडी करेगी. पहली बार इंदौर पहुंचे एसआईटी के प्रमुख संजीव समी ने मामले को बेहद गंभीर बताया.
अब पुलिस ये जांच करेगी कि आरती और दोनों श्वेता ने उस जैसी कितनी लडकियों को इस तरीके से अपने गिरोह में शामिल किया. उधर इन सबकी सरगना भोपाल के मिनाल रेसीडेंसी में रहने वाली श्वेता जैन है जो लंबे समय से ब्लेकमेलिग के धंधे में है. उसकी मदद श्वेता जेन और बरखा सोनी करती हैं.
मगर इंदौर में कांग्रेस नेता ने श्वेता को लेकर बीजेपी के दो पूर्व सीएम पर गंभीर आरोप लगाये. उसने बताया कि बीजेपी की सरकार ने श्वेता को 2009 से 2013 तक महिला बाल विकास विभाग के किशोर न्यायालय बोर्ड में नियुक्ति देकर उपकृत किया था. उसका पति विजय जैन भी सागर बीजेपी में सक्रिय था.
फिलहाल इस मामले में जांच तेज हो गयी है, जांच दल ने इन महिलाओं के फोन और कुछ लैपटॉप से सैंकडों की संख्या में आडियो वीडियो क्लिप बरामद किये हैं. जिनकी सत्यता की जांच हो रही है. साथ ही एसआईटी ने एक वेबसाइट बनायी है जहां इस मामले से संबंधित जानकारियां कोई भी डाल सकता है.
हनीट्रैप ने मध्य प्रदेश के शासन प्रशासन को हिला कर रख दिया है. बडे ओर प्रभावशाली लोगों के इस मामले से जुडे होने के कारण इसकी जांच में बडी गोपनीयता बरती जा रही है मगर जो बातें छनकर आ रही हैं उससे लग रहा है कि आने वाले दिनों में ये मामला एमपी का दूसरा व्यापम साबित होगा जो उतना ही फैला हुआ और बडे लोगों को समेटने वाला होगा.