नई दिल्ली: पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के पीछे कथित साजिश की जांच की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और सीबीआई से जवाब मांगा. जस्टिस रंजन गोगोई और जस्टिस एल. नागेश्वर राव की पीठ ने प्रमुख जांच एजेंसी को नोटिस जारी कर याचिका पर जवाब मांगा.


याचिका में आरोप लगाया गया कि सीबीआई ने चेन्नई की टाडा अदालत के आदेश के बावजूद 1991 में राजीव गांधी की हत्या के षड्यंत्र की जांच नहीं की. हत्याकांड में दोषी करार दिए गए जी पेरारीवलन की याचिका पर यह आदेश आया जिसने कहा कि न तो सीबीआई और न ही एमडीएमए ने उचित तरीके से जांच की ताकि आरोपियों पर मामला दर्ज हो सके. पेरारीवलन का आरोप है कि मामले में कई शीर्ष लोग शामिल थे.


सुप्रीम कोर्ट ने 18 फरवरी 2014 को पेरारीवलन और दो अन्य कैदियों संथन और मुरूगन की मौत की सजा को आजीवन कारावास में तब्दील कर दिया था. उनकी दया याचिका पर निर्णय करने में 11 सालों की देरी के आधार पर सजा में तब्दीली हुई थी. पेरारीवलन ने इससे पहले मामले की जांच करने वाली सीबीआई और एमडीएमए की केस डायरी की मांग की थी.


मामला जब सुनवाई के लिए आया तो पीठ ने जानना चाहा कि आगे की जांच क्यों जरूरी है? पेरारीवलन की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ वकील राजीव धवन ने कहा कि आगे की जांच जरूरी है क्योंकि सीबीआई ने केवल राजीव की हत्या की घटना की जांच की थी और इसने षड्यंत्र की जांच नहीं की.