नई दिल्ली: राजस्थान में मुसलमानों पर टॉर्चर और हत्याओं के मामले एक के बाद एक सामने आ रहे हैं. कभी गौरक्षा के नाम पर तो कभी लव जेहाद के नाम पर ये सब किया जा रहा है. इन सबसे राजस्थान सरकार पर भी सवाल खड़ा होता है कि आखिर प्रदेश में कानून का राज है या नहीं?
हिन्दू और मुसलमान के बीच की कौन खाई खोद रहा है? आखिर ऐसा माहौल क्यों बनता जा रहा है? आखिर कौन है इन सबका जिम्मेदार? राजसमंद में जो कुछ भी हुआ वो दिल दहला देने वाला है. पुलिस ने अपनी पहली रिपोर्ट में पाया है कि मुस्लिम शख्स की हत्या का लव जेहाद से कोई लेना देना नहीं है.
तो फिर आखिर क्यों उसकी हत्या की गई और वीडियो बना कर सोशल मीडिया पर डाला गया? इसके पीछे क्या कोई मानसिकता जिम्मेदार है या फिर कोई संगठन? आखिर राजस्थान सरकार इन सब घटनाओं पर आखें मूंदे क्यों बैठी है? आखिर मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने इस पर अभी तक कुछ क्यों नहीं बोला है?
बीते चंद महीनों में राजस्थान में राजसमंद की घटना कोई पहला मामला नहीं है, बल्कि इस तरह की हत्याओं के कई मामले पेश आए हैं.
राजसमंद में मुस्लिम शख्स की हत्या
राजनगर थाना इलाके के देव हैरीटेज रोड पर एक अधजला शव मिला तो पुलिस मौके पर पहुंची. शव की शिनाख्त मोहम्मद भुट्टा शेख के रूप में हुई. पुलिस जब घटनास्थल पर पहुंची तो मामले की गंभीरता को देखते हुए अन्य जांच दलों को भी बुलाया गया.
पुलिस जांच में जुटी ही थी कि एक वीडियो उसके हाथ लगा जिसमें एक आदमी, शेख की हत्या करता हुआ नजर आ रहा है. हत्यारे ने मृतक के सिर पर वार किए और फिर जब वह अधमरा हो गया तो केरोसीन ऑयल डाल कर उसे जला दिया.
हत्या के वक्त हत्यारा लव जेहाद का जिक्र करते हुए चेतावनी दे रहा था कि लव जेहाद करने वालों का अंजाम यही होगा. पुलिस अब जानने की कोशिश की जा रही है कि आखिर वीडियो किसने बनाया है. क्या हत्यारा अकेला था या फिर उसके साथ कोई और भी था.
'गौतस्करों' पर फायरिंग
6-7 दिसंबर की रात पुलिस और 'गौतस्करों' के बीच मुठभेड़ हुई जिसमें एक शख्स की मौके पर ही मौत हो गई. पुलिस का कहना है कि आरोपी गायों की तस्करी कर रहे थे. जवाबी कार्रवाई में इस शख्स की मौत हुई है. पुलिस ने बताया कि ये लोग आवारा गायों को सड़क से उठा कर ले जाते थे और बेच देते थे.
जैसलमेर में हत्या
जैसलमेर में अहमद खान नाम के एक लोक गायक को पीट पीट कर मार डाला गया. वो एक मंदिर में भजन गा रहा था जो लोगों को पसंद नहीं आया. इसके बाद उसको तब तक पीटा गया जब तक कि वो मर नहीं गया.
गौरक्षा के नाम पर हत्या
राजस्थान के अलवर में उमर खान की हत्या कर दी गई थी. उमर खान की हत्या उस वक्त हुई जब वह कुछ अन्य लोगों के साथ पिकअप गाड़ी में गौवंश लेकर जा रहा था. उसके परिवार का आरोप है कि हत्या गौरक्षकों ने की है. पुलिस ने गौतस्करी का मामला तो तुरंत दर्ज कर लिया था लेकिन हत्या का मामला दर्ज करने में पुलिस ने खासी देर लगाई.
बहरोड में हुई थी पहलू खान की हत्या
राजस्थान के बहरोड़ में गो तस्करी के आरोप में भीड़ ने पीट पीटकर एक शख्स की जान ले ली थी. जयपुर से दिल्ली की ओर एक गाड़ी में गोवंश के जानवर ले जाए जा रहे थे, इसी बीच लोगों की भीड़ ने गाड़ी रुकवा दी और गाड़ी में सवार लोगों की पिटाई कर दी. पिटाई की वजह से पहलू खान नाम के शख्स की मौत हो गई. पुलिस ने इस मामले में दो सौ अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया था. पहलू खान के रिश्तेदारों का कहना है कि दूध के लिए गाय ले जाई जा रही थी और गाय खरीदने का पर्चा भी उनके खान के पास था, जिसे भीड़ ने फाड़ दिया.
ऐसी हत्याओं के मामले बढ़े
देश में 2014 के बाद से ऐसी हत्याओं के मामले बढ़े हैं. कई जगहों पर गौरक्षा के नाम पर लोगों का कत्ल कर दिया गया है. हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साफ कहा था कि गौरक्षा के नाम पर गुंडागर्दी बर्दाश्त नहीं की जाएगी.