नई दिल्ली: सुहैब इलियासी एक वक्त खबरों की दुनिया के सबसे चर्चित चेहरों में से एक थे. 'इंडिया मोस्ट वान्टेड' के जरिए घर घर में उन्होंने पहचान बना ली थी. लेकिन अपराध की कहानियां लिखते लिखते वह खुद अपराध कर बैठे और अब 17 साल के बाद उन्हें इस अपराध की सजा सुनाई जाएगी.
1998 में सुहैब ने इंडियाज मोस्ट वान्डेट नाम के शो की शुरुआत की थी. चंद दिनों में ही ये शो बेहद चर्चित हो गया और सुहैब टीवी की दुनिया पर छा गए. लेकिन 11 जनवरी 2000 को कुछ ऐसा हुआ जिसने सबको हैरत में डाल दिया.
इलियासी ने अफने दोस्त को बताया कि उनकी पत्नी अंजू ने खुदकुशी कर ली है. अंजू के परिवार ने सुहैब पर कत्ल का अल्जाम लगाया. पुलिस ने जांच शुरु की और मार्च 2000 में सुहैब को गिरफ्तार कर लिया गया.
कुछ वक्त के बाद सुहैब को बेल मिल गई जिसके बाद अंजू का परिवार हाईकोर्ट पहुंचा. 2014 में हाईकोर्ट ने पुलिस से कहा कि हत्या की धाराओं में केस की जांच की जाए. पुलिस ने दोबारा जांच शुरु की तो नए पन्ने खुलते चले गए.
पोस्टमार्टम करने वाले 3 डॉक्टरों में से एक ने हत्या का शक भी जाहिर किया था. 5 डॉक्टरों का एक पैनल बनाया गया जिन्होंने हत्या की आशंका जताई. अंजू की मौत 10 बजकर 45 मिनट पर हुई थी जबकि सुहैब उसे 12 बजकर 26 मिनट पर एम्स ले कर पहुंचे थे. पुलिस को बाथरूम में भी खून के निशान मिले थे.
जांच में ये बात भी सामने आई कि दोनों में अक्सर झगड़ा होता रहता था और दोनों के रिश्तों में खटास आ गई थी. इन सभी सबूतों को पुलिस ने कोर्ट के सामने रखा और कोर्ट ने सुहैब इलियासी को हत्या का दोषी करार दिया.
सुहैब इलियासी और अंजू साल 1989 में जामिया मिलिया इस्लामिया में एक साथ पढ़ रहे थे, तभी दोनों के बीच प्यार हुआ. अंजू के घर वालों ने इस रिलेशन को लेकर विरोध किया, इसके बाद दोनों लंदन चले गए थे. विरोध के बावजूद सुहैब और अंजू ने साल 1993 में लंदन में शादी कर ली.