पीड़िता के परिजन अपनी गरीबी स्थित से जूझते हुए बिलासपुर के तोरवा स्थित निजी अस्पताल में उपचार कराने पहुंचे. लेकिन यहां पैसे खत्म होने की वजह से पीड़िता को अस्पताल प्रबंधन ने डिस्चार्ज कर दिया. उसके बाद मासूम के परिजन उसे लेकर बिलासपुर के जिला अस्पताल पहुंचे. इस अस्पताल में पीड़िता को भर्ती तो जरुर कराया गया, लेकिन अव्यवस्था की शिकार पीड़िता और परिजनों को दो चार होना पड़ा.
गैंगरेप का शिकार हुई पीड़िता का मेडिकल परीक्षण अभी तक नहीं हुआ है. जिसकी खबर मीडिया में वायरल होते ही इस गंभीर घटना पर संज्ञान लेते हुए राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष हर्षिता पाण्डेय जिला अस्पताल पहुंची और डाक्टरों से जवाब तलब किया. हर्षिता पाण्डेय की उपस्थिति में पीड़िता का मेडिकल परिक्षण हुआ और इलाज के लिए स्पेशल वार्ड में दाखिल कराया गया.
दरअसल, बीते 7 मार्च को जांजगीर जिले के शिवरीनारायण में देर शाम एक युवक ने पीड़िता को उसकी सहेली का हवाला देकर मिलने के लिए बुलाया. झांसे में आई पीड़िता युवक के साथ अपने सहेली के घर जाने के लिए निकली. तभी सुनसान जगहे पर पहले से घात लगाए बैठे गैंग के अन्य युवकों ने युवती को जबरदस्ती अपनी हवस का शिकार बनाया और जहर पीलाकर मरने के लिए छोड़ दिया.
फिलहाल चारों आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. चारों आरोपी जांजगीर जिले के शिवरीनारायण के रहने वाले हैं. मामले की जांच की जा रही है.