रांची: रांची हाईकोर्ट में जस्टिस रोगोंन मुखोपाध्याय की बेंच ने 6 आरोपियों को मॉब लिंचिंग के मामले में जमानत दे दी. इन पर आरोप था कि चोरी के मामले में युवक को पीट-पीट कर हत्या के मामलें में ये 6 लोग भी शामिल थे.


क्या था मामला-


मामला खरसवा इलाके का था. जहां 17 जून को भीड़ ने तबरेज अंसारी की चोरी के आरोप में पीट-पीट कर हत्या कर दी थी. उस दौरान इसका एक वीडियो भी खूब वायरल हुआ था. जिसमें तबरेज अंसारी को लोग खंभे से बांधकर पीटते हुए नजर आ रहे थे. इसी वीडियो में ये भी दिख रहा था कि लोग तबरेज अंसारी से जय श्री राम के नारे भी लगवा रहे थे. 22 जून को तबरेज ने अस्पताल में दम तोड़ दिया था. इसके बाद राजनीति दलों के साथ अलग-अलग संगठनों की तरफ से इसका खूब विरोध भी किया गया था. इस घटना के बाद पुलिस ने 13 लोगों पर IPC की धारा 302 के तहत मुकदमा दर्ज किया था. जिसे बाद में पुलिस ने 304 में बदल दिया था. लेकिन विरोध के बाद पुलिस ने एकबार फिर से 304 को 302 में बदल दिया.


जांच के बाद पता चला कि जो वीडियो वायरल हुआ था वो वीडियो भी सही है और उससे किसी भी तरह की छेड़छाड़ नहीं कि गई है. शुरुआती जांच में कहा गया था कि तबरेज की मौत कार्डियक अरेस्ट से हुई थी, लेकिन बाद में ये साफ हुआ कि मौत की वजह कार्डियक अरेस्ट नहीं बल्कि सर में गहरी चोट थी. झारखंड में यह पहली मॉब लिंचिंग की घटना नहीं है. इससे पहले भी कई ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं. जिसके बाद झारखंड के नाम लिंचिंग पैड पड़ गया है. .


एक प्रेस रिलीज के मुताबिक पहले भी मॉब लिंचिंग की घटनाओं में 11 आरोपियों से उनके आरोप वापिस ले लिए गए थे, क्योंकि शुरुआती चार्जशीट में पोस्टमार्टम को आधार बनाया गया था. जिसमें मौत की वजह साफ नहीं थी और ये कहा गया था कि मौत कार्डियक अरेस्ट की वजह से हुई थी. मंगलवार को रांची हाईकोर्ट में जस्टिस रोगोंन मुखोपाध्याय की बेंच ने 6 आरोपियों को जमानत दे दी. झारखंड में चुनाव चल रहा है और ये जमानत ऐसे समय में मिली है जिसका फायदा राजनीतिक पार्टियां मुद्दों को भुनाने के लिए भी कर सकती हैं.


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