रांची : झारखंड के रामगढ़ स्थित रजरप्पा के मां छिन्नमस्तिका के मंदिर परिसर में एक अजीबोगरीब आत्महत्या का मामला सामने आया है. हजारीबाग में तैनात बिहार के बक्सर के बलिहार गांव के एक सीआरपीएफ जवान ने मंदिर में पूजा अर्चना के बाद साथ लाए गए धारदार हथियार से अपना गला काटकर अपनी 'बलि' चढ़ा दी. उसका नाम संतोष नट बताया जा रहा है.


पूजा के बाद माता की प्रतिमा के आगे खुद की बलि चढ़ा दी


प्रत्यक्षदर्शियों ने ने बताया कि इस व्यक्ति ने सुबह मंदिर में मां छिन्नमस्तिका की पूजा अर्चना की और उसके बाद माता की प्रतिमा के आगे खुद की बलि चढ़ा दी. इस घटना के बाद से मंदिर में ताला लगा दिया गया है और पुलिस मामले की जांच में जुट गई है. मृतक संजय नट सीआरपीएफ का जवान था और हज़ारीबाग़ में तैनात था.


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अपने गांव बलिहार में छुट्टी बिता ड्यूटी पर गया था


दो दिन पहले ही अपने गांव बलिहार में छुट्टी बिता ड्यूटी पर गया था. घर में पत्नी शारदा देवी व दो बेटे और दो बेटियां हैं. घटना की जानकारी मिलने से पूरा परिवार सदमे में है. संजय को सोमवार से ही मंदिर परिसर के आसपास देखा गया था. मंगलवार सुबह उसने मां छिन्नमस्तिका की पूजा की और फिर मंदिर की परिक्रमा करने लगा.


मंदिर के मुख्य द्वार के पास अपना गला रेत डाला


इसी दौरान उसने खुद के साथ लाए कटारी से मंदिर के मुख्य द्वार के पास अपना गला रेत डाला. इस घटना में मुंदिर का मुख्य द्वारा पर खून फैल पड़ा और संजय वहीं गिर गया. उसकी वहीं मौत हो गई. फौरन पुलिस को इस घटना की सूचना दी गई और मंदिर के द्वार पर ताला लगा दिया गया.


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पुलिस ने संजय के पॉकेट की तलाशी ली तो कागज मिला


मौके पर पहुंची पुलिस ने संजय के पॉकेट की तलाशी ली तो कागज मिला. इससे उसकी पहचान हुई और कागज में मिले फोन नम्बर से उसके घरवालों को सूचना दी गई. उसके परिजनों के अनुसार, संजय की मानसिक स्थिति बिल्कुल ठीक थी और वो खेती-किसानी का काम भी करता था.


वैसी ही नई कटारी अपने साथ रखी थी जैसी प्रतिमा में है


उसने ठीक वैसी ही नई कटारी अपने साथ रखी थी, जैसी कि मां छिन्नमस्तिका की प्रतिमा में है. उधर, घटना के बाद मंदिर में पूजा अर्चना पर रोक लगा दी गई है. मंदिर के महंत ने बताया कि अब शुद्धिकरण के बाद ही मंदिर में पूजा अर्चना शुरु हो सकेगी. दोपहर तक पूजा बंद रहेगी, इस दौरान विधिवत मंदिर का शुद्धिकरण किया जा रहा है.


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पुजारियों के द्वारा मंदिर के शुद्धिकरण का कार्य किया गया


मंदिर में हुई आत्महत्या की घटना के पश्चात मंदिर के पुजारियों के द्वारा मंदिर के शुद्धिकरण का कार्य किया गया. इस दौरान पूजारियों ने पंचगव्य, पंचद्रव्य व पांच नदियों के जल से मंदिर का शुद्धिकरण किया. मंदिर शुद्धिकरण के दौरान विशेष रूप से पूजा की गई. तत्पश्चात सुबह नौ बजे के बाद श्रद्धालुओं के लिए मंदिर का पट खोला गया.


बाहर से आए श्रद्धालुओं को पूजा का मौका मिला


जिसके बाद बाहर से आए श्रद्धालुओं को पूजा का मौका मिला. मौके पर मौजूद रजरप्पा थाना प्रभारी अतिन कुमार ने बताया कि प्राथमिक तौर पर यह मामला आत्माहत्या का लगा रहा है. हलांकि, पूरी जानकारी पोस्टपार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही दी जा सकती है.


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