Karnataka Crime: बलात्कार कर 49 साल के शख्स ने सौतेली बेटी को किया था प्रेग्नेंट, कोर्ट ने सुनाई ये कड़ी सजा
Karnataka Crime: उडुपी में POCSO मामलों से निपटने वाली जिला अतिरिक्त और सत्र अदालत ने 49 वर्षीय एक व्यक्ति को अपनी नाबालिग सौतेली बेटी के यौन उत्पीड़न के मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.

Karnataka Crime: कर्नाटक के उडुपी में POCSO मामलों से निपटने वाली जिला अतिरिक्त और सत्र अदालत ने 49 वर्षीय एक शख्स को अपनी नाबालिग सौतेली बेटी के यौन उत्पीड़न के मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाते हुए आर्थिक जुर्माना भी लगाया है. यौन उत्पीड़न मामले में दोषी पाए गए शख्स का नाम गणेश नायक है. नायक ने अपनी पत्नी के घर में न होने का फायदा उठाकर अपने सौतेली बेटी के साथ घिनौने दुष्कर्म को अंजाम दिया.
चार्जशीट के मुताबिक, नायक ने पीड़िता की मां से दूसरी शादी की थी और तब वह उनके साथ रह रहा था. गणेश नायक की पत्नी काम के सिलसिले में दूसरे शहर गई. जब नायक को यह पता चला कि उसकि पत्नी चली गई है. इस बात का फायदा उठाकर नायक ने अक्टूबर 2021 में नाबालिग सौतेली बेटी को शराब में मिलाकर जूस पिलाकर उसका यौन शोषण किया था. तीन महीने बाद जब मां लौटी तो पता चला कि उसकी बेटी गर्भवती है. पीड़िता ने आपबीती सुनाई तो जनवरी 2022 में कुंदापुर थाने में शिकायत दर्ज कराई गई.
कुंदापुर थाने के तत्कालीन सर्किल इंस्पेक्टर के आर गोपीकृष्णा ने अदालत में चार्जशीट दायर की थी. सुनवाई के दौरान कुल 10 गवाहों का परीक्षण कराया गया. आजीवन कारावास के अलावा, जज श्रीनिवास सुवर्णा ने दोषी पर 10,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया, जिसमें विफल रहने पर उसे एक साल की अतिरिक्त कारावास की सजा काटनी होगी. सरकारी वकील वाई टी राघवेंद्र अभियोजन पक्ष के लिए पेश हुए.
पॉक्सो एक्ट क्या है?
2012 में भारत सरकार ने नाबालिग बच्चों की सुरक्षा के लिए पॉक्सो बनाया था. इस कानून के तहत 18 साल से कम उम्र के युवा और बच्चों को शामिल किया गया है. उनके साथ यौन उत्पीड़न को अपराध की श्रेणी में रखा गया है. साल 2019 में कानून में संशोधन कर दोषियों के लिए मौत की सजा का प्रावधान किया गया है. इससे पहले ऐसा प्रावधान नहीं था.
ये भी पढ़ें: Custodial Deaths: पुलिस हिरासत में मौतों का चौंकाने वाला आंकड़ा, पिछले 5 साल में 669 लोगों की हुई मौत
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस

