Karnataka: बच्चों के खिलाफ हो रहे अपराधों को लेकर कर्नाटक सरकार ने बड़ा खुलासा किया है. सरकार ने कहा कि बच्चों के खिलाफ अपराधों में 10 से 20 प्रतिशत के बीच की वृद्धि हुई है. इसको लेकर विधान परिषद में गोविंदराजू के एक सवाल का जवाब देते हुए गृहमंत्री अरागा ज्ञानेंद्र ने कहा कि इन अपराधों में यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) के तहत मामले शामिल हैं. इसके लिए उन्होंने बढ़ रही जागरूकता और बढ़ती रिपोर्टिंग को जिम्मेदार बताया है.


बाल अपराध के आंकड़े
गृह मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र ने बाल अपराध के आंकड़े भी बताये. उन्होंने कहा कि 'साल 2018 में पॉक्सो के तहत 2,063 मामले थे. साल 2022 में बढ़कर 3,097 हो गए. साल 2023 में दो महीने से भी कम समय में हम पहले ही 207 पॉक्सो मामले दर्ज कर चुके हैं. यह काफी हद तक ऐसी घटनाओं की रिपोर्ट करने और दोषियों को दंडित करने के लिए जनता के बीच जागरूकता में वृद्धि के कारण है.'


लापता बच्चों की संख्या में बेंगलुरु सबसे ऊपर
अरागा ज्ञानेंद्र ने कहा कि लापता बच्चों के मामलों की संख्या में मामूली वृद्धि हुई है. आंकड़ों से पता चलता है कि लापता लड़कियों की संख्या में मामूली गिरावट आई है और लापता लड़कों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है. उन्होंने कहा कि 'साल 2021 में लगभग 1,644 बच्चियां लापता हो गईं. लेकिन, साल 2022 में यह संख्या घटकर 1,443 रह गई है. इसी तरह, साल 2021 में लापता लड़कों की संख्या 488 थी जोकि साल 2022 में बढ़कर 742 हो गई. दोनों वर्षों में लापता लड़कों और लड़कियों की संख्या के साथ बेंगलुरु सबसे ऊपर है.'


ऐसे मामलों में लापता बच्चों का तेजी से और सफलतापूर्वक पता लगाने में गृह मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र ने कर्नाटक पुलिस के प्रयासों की जमकर सराहना की. उन्होंने कहा कि लापता लड़कों और लड़कियों का पता लगाने की दर में बढ़ोत्तरी हुई है. जोकि क्रमशः 94 और 96 प्रतिशत है.


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