कठुआ गैंगरेप मामले के आरोपियों ने खुद को बताया बेकसूर, नार्को टेस्ट की मांग की
म्मू-कश्मीर के कठुआ में एक बच्ची के साथ रेप कर उसकी हत्या करने के मामले में आरोपी आठ लोगों ने आज खुद को बेकसूर बताते हुए जिला एवं सत्र न्यायाधीश से नार्को टेस्ट कराने का अनुरोध किया.
कठुआ: जम्मू-कश्मीर के कठुआ में एक बच्ची के साथ रेप कर उसकी हत्या करने के मामले में आरोपी आठ लोगों ने आज खुद को बेकसूर बताते हुए जिला एवं सत्र न्यायाधीश से नार्को टेस्ट कराने का अनुरोध किया. मामले में सुनवाई शुरू होने के बाद जिला एवं सत्र न्यायाधीश संजय गुप्ता ने राज्य अपराध शाखा से आरोपियों को आरोप पत्र की प्रतियां देने का आदेश दिया और अगली सुनवाई की तारीख 28 अप्रैल तय की. इन आठ आरोपियों में एक नाबालिग और उसे भी गिरफ्तार किया गया है. उसने एक न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष जमानत का आवेदन दिया है जिस पर आज सुनवाई की जाएगी.
अपराध शाखा द्वारा दायर आरोप पत्र के अनुसार बच्ची का अपहरण , रेप और हत्या अल्पसंख्यक घुमंतू समुदाय को क्षेत्र से हटाने के लिए रची गई एक सोची समझी साजिश थी. नाबालिग के लिये एक अलग आरोप पत्र दायर किया गया है. संजी राम को इस अपराध के पीछे मुख्य साजिशकर्ता बताया गया है.
इस अपराध में विशेष पुलिस अधिकारी दीपक खजूरिया और सुरेंद्र वर्मा, दोस्त प्रवेश कुमार ऊर्फ मन्नू , राम का भतीजा, एक नाबालिग और उसका बेटा विशाल जंगोत्रा ऊर्फ ‘‘शम्मा’’ शामिल थे. आरोप पत्र में जांच अधिकारी हेड कांस्टेबल तिलक राज और उप निरीक्षक आनंद दत्ता का भी नाम है जिन्होंने कथित तौर पर राम से चार लाख रुपए लिये और अहम साक्ष्य नष्ट किए.
जैसे ही अदालत के अंदर सुनवाई शुरू हुई , राम की बेटी मधु शर्मा ने बाहर प्रदर्शन शुरू कर दिया और मामले में सीबीआई जांच की मांग की. आरोपियों को चालान या आरोप पत्र की प्रतियां मुहैया कराने का मुद्दा वकील अंकुश शर्मा की तरफ से न्यायाधीश के सामने उठाया गया. वह अदालत में संजीराम, उसके बेटे और अन्य का पक्ष रख रहे हैं. उन्होंने कहा कि आरोप पत्र अदालत में नौ अप्रैल को दायर किया गया था लेकिन उसकी प्रति अब तक उन्हें मुहैया नहीं कराई गई है.राम ने न्यायाधीश से कहा कि वह नार्को टेस्ट चाहते हैं और उसके लिये तैयार हैं. न्यायाधीश ने आरोपियों से पूछा कि क्या उन्हें आरोप पत्र की प्रतियां दी गई हैं, जो 400 पन्नों की हैं.
आरोपी तिलक राज का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील ए के साहनी ने कहा कि जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती फास्ट ट्रैक सुनवाई की बात कर रही हैं लेकिन आरोप पत्र की प्रति उन्हें अब तक मुहैया नहीं कराई गई है.