केरल: 'आदर्श बहू' ने खानदान के 6 सदस्यों को साइनाइड देकर मार डाला
केरल की कोझिकोड पुलिस की पूछताछ जैसे जैसे आगे बढ़ती जा रही है, वैसे वैसे केरल सीरियल मर्डर केस में नया खुलासा होता जा रहा है. ससुराल के 6 लोगों को पोटेशियम साइनाइड खिलाकर मौत की नींद सुलाने वाली बहू ने खुद ये बात कबूल की है. ऐसा पुलिस का कहना है.
नई दिल्ली: दक्षिण भारतीय राज्य केरल में एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है जहां एक बहू पर ससुराल के 6 लोगों को पोटेशियम साइनाइड देकर जान लेने का आरोप लगा है. पुलिस का आरोप है कि 47 वर्षीय जूली शजू ने 2002 और 2014 के दौरान अपने पहले पति, उसके माता-पिता, उसकी पूर्व पत्नी और दो अन्य पुरुषों को जहर देकर मौत के घाट उतारा है. पुलिस ने यह भी कहा कि जूली ने खुद साइनाइड देने की बात कबूल की है. पुलिस मामले की जांच कर रही है.
जूली शजू को दो अन्य संदिग्धों के साथ 16 अक्टूबर तक रिमांड पर रखा गया है जो कथित तौर पर उसके साथी थे.
पीटीआई के अनुसार, दो व्यक्तियों में से एक, प्रेज़ी कुमार, जो एक सुनार है और जिस पर आरोप है कि उसने जूली शजू को साइनाइड दिया था. उसका कहना है कि वह निर्दोष है, उसे लगा कि कि जूली शजू जहरीले चूहों के लिए साइनाइड खरीद रही है.
कुछ ऐसा रहा होने वाली मोतों का सिलसिला यह मामला तब सामने आया जब पहले पति रॉय थॉमस के भाई रोजो थॉमस ने इस तरह हो रही मौतों पर दो महीने पहले चिंता जताई. रॉय थॉमस का 2011 में निधन हो गया था पोस्टमार्टम रिपोर्ट में साइनाइड पाए जाने की बात सामने आई थी.
जूली शजू की पहली कथित शिकार उनकी सास अन्नामस थॉमस थीं, जिनके बारे में कहा जाता है कि उनके हाथ का बना खाना खाने के बाद 2002 में उनकी मृत्यु हो गई थी.
इस घटना के छह साल बाद, 2008 जूली शजू के 66 वर्षीय ससुर टॉम थॉमस की इसी तरह की परिस्थितियों में मृत्यु हो गई.
रॉय थॉमस का 2011 में निधन हो गया था पोस्टमार्टम रिपोर्ट में साइनाइड पाए जाने की बात सामने आई थी.
2014 में, मैथ्यू, जूली शजू की सास अन्नमशा थॉमस के भाई, अपने भतीजे की दूसरी पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर जोर देते हैं, पीटीआई का कहना है कि उसी वर्ष उनकी मृत्यु हो गई.
2016 में अपने चचेरे भाई सकरिया शजू की पत्नी की मृत्यु के बाद से परिवार और अधिक व्यथित हो गया. उसकी छोटी बेटी, अल्फिन, दो साल पहले मर गई.
उसके बाद, जूली ने शजू से शादी कर ली.
पुलिस का कहना है कि शजू ने छह मौतें कबूलीं और पैसे ने शजू को ऐसा करने के लिए प्रेरित किया. शजू के नंद रणजी का कहना है कि उनकी मां के निधन के बाद, शजू ने परिवार के वित्तीय मामलों पर नियंत्रण कर लिया. उन्होंने कहा कि उनके पिता उन्हें एक आदर्श बहू मानते थे.
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