Kasaragod : केरल के कासरगोड में एक कॉलेज में पीने के पानी की समस्या को लेकर शिकायत करने पहुंची छात्राओं को बंद करने की घटना में मंत्री ने महिला प्राचार्य को हटाने का आदेश दिया है. कासरगोड गवर्नमेंट कॉलेज के प्राचार्य एम राम्या को हटाने को लेकर शिक्षा मंत्री डॉ. आर बिंदू ने निर्देश दिए. प्रमुख सचिव को कॉलेज शिक्षा निदेशक को आवश्यक निर्देश जारी करने का जिम्मा सौंपा गया है. आरोप है कि परिसर में सप्लाई होने वाले पेयजल में अशुद्धियों की शिकायत करने पहुंचे छात्रों के साथ प्राचार्य ने बदसलूकी की और फिर उन्हें चेंबर में बंद कर दिया. स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (SFI) ने छात्रों से बदसलूकी करने वाले प्राचार्य के इस्तीफे की मांग की.



पानी के मांग को लेकर नोक-झोंक
बताया गया कि 20 फरवरी सोमवार को प्राचार्य के पास पहुंचे एसएफआई के करीब 15 कार्यकर्ताओं को चेंबर में बंद कर दिया गया. पुलिस के आने के बाद समस्या का समाधान किया गया. मंगलवार को प्रिंसिपल ने पेयजल समस्या के बारे में पूछताछ करने वाले छात्रों से अभद्र भाषा में बात की. छात्रों ने प्रिंसिपल पर आरोप लगाते हुए कहा कि प्रिंसिपल ने छात्रों को खड़े होकर बोलने के लिए कहा. क्योंकि छात्रों को प्रिंसिपल के सामने कुर्सी पर बैठने का कोई अधिकार नहीं है. लेकिन प्राचार्य रामा ने सारे आरोपों से इनकार करते हुए कहा कि ऐसी कोई घटना नहीं हुई थी. वह अपनी फोटो सोशल मीडिया पर प्रसारित होने के बारे में पूछ रहे थे.

छात्रों की शिकायत पर शिक्षा मंत्री ने लिया संज्ञान
यह घटना 20 फरवरी को हुई थी. छात्रों के अनुसार, परिसर में पीने के पानी की खराब गुणवत्ता (Bad Quality Of Water) के खिलाफ विरोध करने के बाद ये पूरा विवाद शुरू हुआ था. इसके बाद छात्रों ने प्रिंसिपल के व्यवहार को लेकर शिक्षा मंत्री और मानवाधिकार आयोग से शिकायत की थी. गुरुवार को शिक्षा मंत्री का आदेश आया कि छात्रों की शिकायत के आधार पर प्रिंसिपल एम रेमा को हटा दिया गया है. छात्रों ने इस फैसले का स्वागत किया है. 


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