Kolkata Doctor Arrested for Bank Fraud: कोलकाता के एक डॉक्टर को बैंक से धोखाधड़ी करने के मामले में मंगलवार (14 मार्च ) को पलिुस ने गिरफ्तार किया है. डॉक्टर पर आरोप है कि उसने फर्जी तरिके से बैंक से 50 लाख का कर्ज लिया है. घटना अधिकारी ने बताया कि ये पुलिस के द्वारा चलाई जा रही जांच की एक बड़े रैकेट का हिस्सा था. इस पड़ताल के दौरान एक स्कूल टीचर, बैंक अधिकारी और एक केंद्र सरकार का कर्मचारी को ऐसी ही केस में पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा ये सभी कर्ज नहीं चुका पाए थे. उन्होंने उन लोगों के पैन कार्ड का इस्तेमाल किया जिनके नाम उनके नाम से मेल खाते थे. साथ ही जिनके पास नए लोन लेने के लिए बेहतर बैंकिंग रिकॉर्ड थे.


बिचौलिए की मदद से लिया लोन
पुलिस ने कहा कि उन्होंने पर्सनल लोन के लिए बैंक से संपर्क किया और पैन कार्ड को छोड़कर सभी वास्तविक दस्तावेज जमा किए. अधिकारी ने कहा, "इन सभी ने एक बिचौलिए की मदद ली, जिसने जाहिर तौर पर उनमें से हर एक को एक नाम के पैन कार्ड की फोटोकॉपी मुहैया कराई थी. पुलिस ने बताया कि देबराज चंदा नामक डॉक्टर इस मामले में गिरफ्तार होने वाले पांचवे शख्स हैं. चंदा ने जब ये बैंक फ्रॉड किया उस समय वो ओडिशा के पार्क सर्कस में स्थित एक हॉस्पिटल में कार्यरत थे.


पुलिस ने बताया कि बैंक की शिकायत के अनुसार, डॉक्टर ने कथित तौर पर किसी और के पैन कार्ड का उपयोग कर 50 लाख का लोन लिया था. एक अधिकारी के कहा, बैंक को इस धोखाधड़ी का पता तब चला जब उस पैन कार्ड ओनर ने उनसे संपर्क किया. उसने कहा कि उसने बैंक से कोई कर्ज नहीं लिया है. जिसके बाद बैंक ने आंतरिक जांच में पाया, जो पैन कार्ड चंदा ने दिया था वो उसका नहीं था.


2.12 करोड़ रुपये के फर्जी लोन का आरोप
कोलकाता पुलिस के अधिकारी ने कहा, डॉक्टर और जिन चार और लौंगो को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. उन पर बैंक से कुल 2.12 करोड़ रुपये के फर्जी लोन लेने का आरोप हैं. पुलिस ने कहा कि पांचों में से सबसे ज्यादा का लोन डॉक्टर चंदा ने ही लिया है. 


पुलिस ने चंदा को नयाबाद में एक अपार्टमेंट से मंगलवार दोपहर के समय गिरफ्तार किया गया. जिसके बाद पुलिस ने उन सभी को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. पुलिस को इस रैकेट में कई और लोगों के शामिल होने का शक है, जिसकी छानबीन की जा रही है. 


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