कोलकाता: एक परिवार का आरोप है कि उसकी 15 साल की बच्ची गायब है लेकिन पुलिसवाले उसे ढूंढ नहीं रहे हैं. पीड़ित परिवार हाईकोर्ट की शरण में है. इस बीच कोलकाता पुलिस ने ट्वीट कर खबर को गलत बताया है. 9 जून 2017 को लड़की गायब हुई थी. उसके पिता ने कहा कि उन्होंने तत्काल पुलिस के पास FIR लिखाई थी. इसके कुछ दिन बाद परिवार के एक सदस्य ने उसे मटियाबुर्ज इलाके में देखा था.


परिवार के वकील ने बताया कि पीड़ित ने आरोपी का नाम और पता पुलिस को बताए थे लेकिन फिर भी पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की. परिवार का आरोप है कि उनकी बेटी को बंधक बना कर रखा हुआ है और पुलिस खामोश है.


इस सबके बीच कोलकाता पुलिस के ज्वॉइंट सीपी प्रवीण त्रिपाठी ने ट्वीट कर मामले को ही फर्जी बताया है. उन्हेंने इस ट्वीट में लिखा है," सोशल मीडिया पर एक फर्जी खबर चल रही है जिसमें कहा जा रहा है कि एक नाबालिग लड़की गायब है और पुलिस उस घर पर रेड करने से डर रही है जिसमें उसे बंधक बना कर रखा हुआ है. इस तरह की अफवाहों पर ध्यान ना दें, ये खबरें सांप्रायिक उन्माद फैला सकती हैं."



इस पर वकील उदय चंद्र झा ने कहा कि अगर मामला झूठा है तो थाने में एफ़आइआर क्यों दर्ज की गयी थी. कोलकाता नगर निगम में सफाईकर्मी के तौर पर काम करने वाले पिता का एक ही सवाल है कि आखिर उनकी बेटी गई कहां और अब पुलिस इसे झूठ बता रही है तो उनकी बेटी को कौन ढूंढेगा.


फिलहाल ये मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन है. पिछली सुनवाई के दौरान अदालत ने कोलकाता पुलिस को एक स्पेशल टीम का गठन कर तलाशी अभियान चलाने और गुमशुदा को खोजने का निर्देश दिया था. पीड़ित परिवार का आरोप है कि आज तक न कोई टीम बनाई गई और न ही तलाशी हुई.