नई दिल्ली: होली से पहले एक मामला सामने आया था जिसमें दिल्ली विश्वविद्यालय की दो लड़कियों ने आरोप लगाया था कि उन पर किसी ने सीमन से भरे गुब्बारे फेंके हैं. इस मामले में पुलिस ने दो एफआईआर दर्ज की थी और पीड़ितों के कपड़े फॉरेंसिक जांच के लिए भेजे थे. लैब रिपोर्ट के मुताबिक गुब्बारों में सीमन नहीं भरा था.


क्या था पूरा केस
देश में होली का माहौल था. ऐसे में यह खबर सामने आई कि दिल्ली विश्वविद्यालय की दो लड़कियों पर सीमन से भरे गुब्बारे फेंके गए हैं. लड़कियों ने यह बात रखने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया था. पुलिस ने केस दर्ज किया था और जांच शुरू कर दी थी.


होली पर उठने लगे थे सवाल
देश, विदेश की मीडिया में इस खबर को जगह मिली थी और होली पर भी लोग सवाल उठाने लगे थे. हद तो तब हो गई जब ये भी कहा जाने लगा कि लड़कियों ने पीरियड ब्लड गुब्बारों में भर कर लड़कों पर फेंका है. सवाल ये भी था कि क्या होली की आड़ में छेड़खानी करने वाले बच जाते हैं?


अब क्या होगा?
अब यह साफ हो गया है कि गुब्बारों में सीमन नहीं भरा था. सवाल ये है कि अब क्या होगा? होली के पर्व पर सवाल उठाए गए, सोशल मीडिया पर कैंपेन चलाए गए, पुलिस इस मामले में अब क्या करेगी यह देखने वाली बात होगी. हालांकि किसी पर जबरदस्ती रंग डालना ठीक बात नहीं है और जबरन किसी के साथ होली नहीं खेली जानी चाहिए.


जिसे गिरफ्तार किया उसका क्या?
इस मामले में पुलिस ने एक शख्स को भी गिरफ्तार किया था. ग्रेटर कैलाश थाने में यह मामला दर्ज किया गया था. पुलिस ने धारा 188 और 144 के तहत आरोपी को गिरफ्तार किया था. सवाल ये है कि अब जब रिपोर्ट में यह बात साबित हुई है कि गुब्बारे में सीमन नहीं भरा था तो उस आरोपी का क्या होगा?