Sidhu Musewala Murder Case: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने बीते मंगलवार को देशभर में गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई, नीरज बवाना और अन्य गैंगस्टरों से जुड़े 70 से अधिक ठिकानों पर छापेमारी की. एनआईए की ये छापेमारी दिल्ली-एनसीआर, राजस्थान, हरियाणा, मध्य प्रदेश, गुजरात, चंडीगढ़ और यूपी में की गई. मंगलवार की सुबह शुरू हुई छापेमारी शाम तक चली. एनआईए ने लॉरेंस बिश्नोई को जनता में आतंक पैदा करने, गैंगस्टरों और ड्रग तस्करों के सिंडिकेट द्वारा रची गई साजिश से जुड़े मामले में 24 नवंबर, 2022 को गिरफ्तार किया था. उसकी गिरफ्तारी तब हुई जब वह भटिंडा जेल में बंद था.
बीते साल हुई थी सिद्धू मूसेवाला की हत्या
29 मई, 2022 को मनसा में सिद्धू मूसेवाला की हत्या कर दी गई थी. सिद्धू मूसेवाला की हत्या का बदला लेने के लिए नीरज बवाना गैंग ने धमकी दी थी. उधर, मूसेवाला की हत्या के लिए पंजाबी सिंगर मनकीरत औलख को जिम्मेदार ठहराया गया और उन्हें जान से मारने की धमकी दी. इस केस में लॉरेंस बिश्नोई गैंग का नाम जुड़ा था. लेकिन, नीरज बवाना तक इसकी कड़ी कैसे पहुंची ये समझना जरुरी है
कौन है नीरज बवाना
करीब 16 साल पहले नीरज बवाना ने जुर्म की दुनिया कदम रखा था. नीरज बवाना का असली नाम नीरज सहरावत है. वो दिल्ली के बवाना का निवासी है. इसलिए उसने अपना सरनेम बवाना रख लिया. उस पर हत्या, हत्या की साजिश, जबरन उगाही, जमीनी कब्जा जैसे मामलों के आरोप है. नीरज बवाना पर करीब 40 केस रजिस्टर हैं. नीरज बवाना इस वक्त दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद है. जेल के अंदर से ही वो अपना गैंग चला रहा है. दिल्ली और आस-पास के इलाकों में नीरज बवाना और दूसरे गैंग आमने-सामने आते रहते हैं. 33 वर्षीय नीरज का गैंग दिल्ली, हरियाणा, उत्तराखंड और यूपी में एक्टिव है. इसके गैंग में 100 से ज्यादा गुर्गे हैं, पिछले कुछ सालों में 40 से ज्यादा की गिरफ्तारी भी हो चुकी है.
कौन है लॉरेंस बिश्नोई
पंजाब के फाजिल्का (अबोहर) का रहने वाला लॉरेंस बिश्नोई का जन्म 22 फरवरी,1992 में हुआ था. लॉरेंस के पिता पंजाब के पुलिस विभाग में कांस्टेबल के पद पर कार्य कर चुके हैं और माता ग्रहणी हैं. बचपन से ही लॉरेंस की खेल में बहुत रूचि थी और उसकी पढ़ाई फजिल्का में हुई. उसके बाद कॉलेज की पढ़ाई के लिए लॉरेंस चंडीगढ़ आया, जहां उसने डीएवी कॉलेज में अपना दाखिला लिया. यही से उसकी एंट्री जुर्म की दुनिया में हुई.
कैसे बना गैंगस्टर बना
चुनाव लड़ने के लिए उसने स्टूडेंट आर्गेनाइजेशन ऑफ़ पंजाब यूनिवर्सिटी नाम का एक संगठन बनाया और उसने छात्र संघ का चुनाव लड़ा. वह चुनाव हार गया. इसके बाद उसने एक रिवाल्वर खरीदी और हार का बदला लेने के लिए चुनाव जीतने वाली टीम के पास पहुंचा. साल 2011 में लॉरेंस का सामना चुनाव जीतने वाली टीम उदय ग्रुप से हुआ और भिड़ंत के दौरान लॉरेंस ने फायरिंग कर दी. मामला पुलिस तक पहुंचा और उस पर पहला केस दर्ज हुआ. इसके बाद उसने दूसरे ग्रुप को सबक सिखाने के लिए एक बड़े गैंगस्टर से हाथ मिला लिया. जग्गू भगवानपुरी नाम का यह कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस का गुरु बन गया. इसके बाद जग्गू ने उसे जुर्म की दुनिया के सारे पैतरे सिखाए. जग्गू भी तिहाड़ जेल में बंद है. लॉरेंस पर अब तक करीब 50 केस दर्ज है. लॉरेंस बिश्नोई राजस्थान की जेल में बंद है और वहीं से अपनी गैंग को ऑपरेट करता है. गैंग में लगभग 700 शार्प शूटर हैं, जो कनाडा और अन्य देशों में भी मौजूद हैं.
सलमान खान को जान से मारने की धमकी
काले हिरण मामले में सलमान खान पर चल रहे केस के चलते लॉरेंस ने यह धमकी दी थी. राजस्थान के बिश्नोई समाज में काले हिरण की पूजा की जाती है और लॉरेंस भी इसी समाज से है, तभी उसने सलमान की हत्या करने की साजिश की. उसने अपने कुख्यात संपत नेहरा को इसकी जिम्मेदारी दी. नेहरा ने मुंबई में सलमान के घर की जासूसी करना शुरू कर दिया और फिल्म रेड्डी की शूटिंग के दौरान अपने काम को अंजाम देने का प्लान बनाया. लेकिन, इसमें वो असफल रहे और संपत नेहरा पकड़ा गया.
कैसे हुई नीरज और लॉरेंस की दुश्मनी
दरअसल, जिस बंबिहा गैंग से नीरज बवाना जुड़ा हुआ है वह लॉरेंस बिश्नोई गैंग का कट्टर दुश्मन है. वहीं नीरज बवाना (दिल्ली), कौशल चौधरी (गुरुग्राम), सुनील उर्फ टिल्लू ताजपुरिया (आउटर दिल्ली) गैंग बंबिहा ग्रुप के दोस्त हैं. बताया जाता है कि बंबिहा गैंग से मूसेवाला का संपर्क था. इसलिए उनके विरोधी बिश्नोई गैंग ने सिद्धू की हत्या करवाई. वहीं, नीरज बवाना के बंबिहा गैंग से दोस्ताना संपर्क हैं. बिश्नोई गैंग ने साल 2021 में हुई एक हत्या का बदला लेने के लिए सिद्धू को मारने का दावा किया था. जिसके बाद मूसेवाला की हत्या का बदला लेने की कसम नीरज बवाना गैंग ने खाई.