महाराष्ट्र: सात दिन बाद महिला लेक्चरर ने अस्पताल में तोड़ा दम, एकतरफा प्यार में युवक ने पेट्रोल छिड़कर लगा दी थी आग
महाराष्ट्र के वर्धा में एक लड़के ने लेक्चरर अंकिता पिसुदे को जिंदा जला दिया था. जिसकी सात दिन बाद नागपुर के अस्पाल में आज मौत हो गई. अंकिता का शव गांव में पहुंचते ही ग्रामीणों ने प्रदर्शन किया.
मुंबई: पिछले सात दिन से जिंदगी और मौत से जूझ रही महाराष्ट्र के हिंगणघाट की अंकिता पिसुदे ने नागपुर के ऑरेंज सिटी अस्पताल में दम तोड़ दिया. पीड़िता ने सोमवार सुबह करीब सात बजे आखिरी सांस ली. एकतरफा प्यार में जिंदा जलाई गई लेक्चरर अंकिता की मौत की खबर फैलते ही लोगों ने दुख और गुस्सा व्यक्त किया.
हिंगणघाट में तीन फरवरी को एक सिरफिरे ने शादी करने से इंकार पर लड़की पर पेट्रोल डालकर उसे सरेआम जिंदा जला दिया था. इस घटना में अंकिता 40 फीसदी तक झुलस गईं. पीड़ित का चेहरा, गला और हाथ बुरी तरह झुलस गए. जिससे अंकिता के गले, लीवर और रेसपरेट्री सिस्टम को काफी नुकसान हुआ. पिछले सात दिनों अंकिता वेंटिलेटर पर जिंदगी की जंग लड़ रही थीं जिसके बाद आज मौत हो गई. डॉक्टरों के मुताबिक मौत सेप्टिकमिक अटैक से हुई है.
लड़की के पिता ने की जल्द इंसाफ की मांग
पीड़ितों के पिता ने एबीपी न्यूज़ से बात करते हुए कहा, "जिस तरह सात दिनों तक मेरी बेटी ने यातना झेली उसी तरह आरोपी को भी यातना दी जानी चाहिए. पुलिस उसे मेरे हवाले कर दे. मैं अपनी बेटी को न्याय दिला दूंगा. मेरी मांग है कि पुलिस प्रशासन निर्भया केस की तरह देरी ना करे. इस केस में आरोपी को जल्द से जल्द फांसी पर लटकाए." वहीं घटना से गुस्साए परिजनों ने पहले पीड़िता का शव लेने से इंकार कर दिया लेकिन मंत्री सुनील केदार, पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों द्वारा जल्द न्याय करने का भरोसा दिलाने के बाद शव का पोस्टमार्टम कर पीड़िता के पार्थिव को अंतिम संस्कार के लिए उनके मूल गांव दरोड़ा भेजा गया.
ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन
अंकिता का शव जैसे ही गांव पहुंचा गुस्साए ग्रामीणों ने एंबुलेंस को सड़क पर रोक कर चक्का जाम कर दिया और आरोपी को उनके हवाले करने की मांग की. सड़क पर प्रदर्शन कर रहीं कई महिलाओं का कहना था, "अंकिता पूरे गांव के लिए एक प्रेरणा थी. गांव की लड़कियों की आदर्श थी. कई लड़कियां उसकी तरह पढ़ लिखकर शिक्षिका बनना चाहती थी."
प्रदर्शन कर रहे ग्रामीणों को पुलिस ने समझाने की बहुत कोशिश की लेकिन नहीं मानने पर पुलिस को हल्के बल प्रयोग का सहारा लेना पड़ा. वहीं सरकार ग्रामीणों को भरोसा दिलाने में जुटी है कि पीड़िता को जल्द से जल्द न्याय मिलेगा. राज्य के सभी मंत्रियों ने पीड़ितों की मौत पर दुख जताते हुए न्याय का आश्वासन दिलाया.
सीएम ठाकरे ने दिलाया जल्द न्याय का विश्वास
प्रदेश के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने फास्ट ट्रैक कोर्ट में मामला चला कर जल्द न्याय दिलाने का परिवार को विश्वास दिलाया है. सरकार ने इस केस के लिए विशेष सरकारी वकील उज्ज्वल निकम को नियुक्त किया है. फिलहाल आरोपी विकेश नगराले न्यायिक हिरासत में है लेकिन अब धारा बदले जाने से पुलिस नई धारा 302 लागू करके उसे पुलिस हिरासत में दोबारा लेगी. सरकार ने अगले एक हफ्ते के अंदर चार्जशीट दायर के आदेश भी वर्धा पुलिस को दे दिए हैं.
ऐसे दिया घटना को अंजाम
बता दें कि तीन फरवरी को रोज की तरह अपने गांव से 75 किमी दूर कॉलेज जाने के लिए पीड़िता बस में सवार हुईं. हिंगणघाट में कॉलेज नजदीक आने पर बस से उतरीं. वहां पहले से मौजूद विकेश अपनी स्कूटी से पेट्रोल निकालकर अंकिता के पास आया. अंकिता कुछ कर पाती उससे पहले ही विकेश ने उस पर पेट्रोल डालकर आग लगा दिया.
वारदात को अंजाम देने के बाद आरोपी मौके से फरार हो गया. अंकिता मदद के लिए आवाज लगाती रही लेकिन कोई मदद के लिए आगे नहीं आया. अंकिता को झुलसते देख कुछ बच्चियों ने शोर मचाकर आसपास के लोगों को बुलाया. लोगों ने अंकिता पर पानी भी डाला लेकिन तब तक अंकिता 40 फीसदी तक झुलस चुकी थीं.