'लाईक घोटाला' : 27 साल का 'डिजिटल नटवर लाल', जानें अनुभव मित्तल की पूरी कहानी
नई दिल्ली/नोएडा : नटवरलाल की कहानी को आपने सुनी ही होगी. लोगों को हवा तक नहीं लगती थी और उन्हें लाखों का चूना लगाकर वह चंपत हो जाता था. उसकी कहानी में रहस्य इतना है कि आजतक उसकी मौत को लेकर कोई सटीक जानकारी पुलिस के पास नहीं है. लेकिन, नोएडा के 27 साल के युवक अनुभव मित्तल की कहानी ठगी के मामले में नटवरलाल से कम नहीं है.
इलेक्ट्रीशियन का बेटा चंद महीनों में ही 37 अरब डॉलर का मालिक बना
उसकी कहानी आपको चौंका कर रख देगी क्योंकि हापुड़ में इलेक्ट्रीशियन की दुकान चलाने वाले शख्स का बेटा चंद महीनों में ही 37 अरब डॉलर का मालिक बन बैठा. वह भी एक या दो नहीं पूरे 7 लाख लोगों को चूना लगाकर. वह कंपनियों के नाम बदलता रहा और एक ही ढंग से लोगों की खून पसीने की कमाई पर हाथ साफ करता रहा.
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सिर्फ 27 साल की उम्र में ठगी के जरिये 37 अरब कमा लिए
2011 में बीटेक कर ने निकले अनुभव मित्तल नाम के इस शख्स ने सिर्फ 27 साल की उम्र में ठगी के जरिये 37 अरब कमा लिए. इस पैसे को कमाने में उसकी मदद की श्रीधर प्रसाद और महेश दयाल नाम ने. कंपनी में श्रीधर प्रसाद बतौर सीओओ काम करता था और महेश दयाल इस कंपनी में टेक्निकल हेड था.
जेपी ग्रीन्स प्रोजेक्ट में 5 करोड़ रुपये का विला खरीदा है, ऑडी, स्कोडा सब
अनुभव मित्तल ने ठगी के जरीए कमाये पैसों से ग्रेटर नोएडा के जेपी ग्रीन्स प्रोजेक्ट में 5 करोड़ रुपये का विला खरीदा है. इसके अलावा ग्रेटर नोएडा के ओमेक्स ओसीबी प्रोजेक्ट में 7 करोड़ रुपये की प्रॉपर्टी खरीदी है. अनुभव के पास ऑडी, स्कोडा, फोर्ड की लग्जरी गाड़ियां भी हैं. उसकी लग्जरी को देखकर लोगों की आंखें चौंधियां जाएंगी.
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इंस्टिट्यूट से साल 2011 में कंप्यूटर साइंस से बीटेक का कोर्स किया
अनुभव मित्तल ने ग्रेटर नोएडा के एक इंस्टिट्यूट से साल 2011 में कंप्यूटर साइंस से बीटेक का कोर्स किया. पढ़ाई के दौरान ही साल 2010 में ABLAZE INFO SOLUTIONS PTV LTD नाम कंपनी बना ली थी. 2011 में बीटेक करने से पहले ही उसने इंस्टिट्यूट में हॉस्टल के कमरे से कंपनी का काम शुरू कर दिया था.
अपनी कंपनी में उसने पिता सुनील मित्तल को भी डायरेक्टर बनाया
हालांकि, तब अनुभव सॉफ्टवेयर डेवलेपमेंट का ही काम कर रहा था. अपनी कंपनी में उसने पिता सुनील मित्तल को भी डायरेक्टर बनाया था. सुनील हापुड़ में इलेक्ट्रॉनिक्स की दुकान चलाते हैं. बीटेक करने के बाद कुछ समय तक वो हापुड़ में अपने घर से और फिर गाजियाबाद में रहकर भी सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट का काम करता रहा.
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पहले कमाए पैसों से कंपनी को मल्टीलेवल मार्केटिंग की फील्ड में उतारा
साल 2012 से 2015 के बीच अनुभव ने महज 3 से 4 लाख का काम किया और इस रकम से ही फिर उसने कंपनी को मल्टीलेवल मार्केटिंग की फील्ड में उतारा. फिर इस फर्जीवाड़े का कॉन्सेप्ट तैयार किया. दरअसल यूपी STF इस मामले की जाँच पिछले 1 महीने से कर रही थी. क्योंकि STF को 1 महीने पहले ही इस कंपनी की शिकायतें आना शुरू हो गई थीं.
बढ़ती संख्या को देखते हुए कंपनी लगातार अपने वेबसाइट पेज बदल रही
ये ही वजह थी शिकायतों की बढ़ती संख्या को देखते हुए कंपनी लगातार अपने वेबसाइट पेज बदल रही थी. जब STF ने कंपनी के सर्वर की जाँच की तो उसमें 1 लाख से ज्यादा शिकायतें मिलीं. दिसंबर 2016 में ocialtrade.biz से पूरा डेटा माइग्रेट करके freehub.com लॉन्च किया गया.
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पुलिस इस मामले की अन्य बारीकियों को भी समझने की कोशिश में
इसके बाद दस दिन के अंदर ही इसे भी बदलकर intmart.com कर दिया गया और 27 जनवरी को इसे बदलकर frenzzup.com कर दिया. ये ही वजह थी कि पिछले कई महीनों से लोगों के अकाउंट में पैसे आने बंद हो गए थे. अब लोग परेशान हैं क्योंकि उनके पैसे इसमें फंसे हुए हैं. पुलिस इस मामले की अन्य बारीकियों को भी समझने की कोशिश में है.