नई दिल्ली: नाबालिग लड़की से बलात्कार के मामले में आसाराम को उम्रकैद की सजा सुनाए जाने के साथ ही एक बार फिर ढोंगी बाबाओं के कृत्यों की घटनाएं चर्चा का विषय बन गई हैं. हत्या, बलात्कार, जमीन कब्जाने और धनशोधन जैसे आरोपों के बीच ढोंगी बाबाओं के कृत्यों की कहानी काफी लंबी है.


आसाराम को जिस मामले में सजा हुई है, वह उसके खिलाफ एकमात्र मामला नहीं है. वह जेल में बंद अपने बेटे नारायण साई के साथ बलात्कार के एक और मामले में गुजरात में मुकदमे का सामना कर रहा है. इतना ही नहीं तीन गवाहों की हत्या भी हुई.


वर्ष 2008 में आसाराम के मोटेरा स्थित आश्रम में रहने वाले दो बच्चे (चचेरे भाई) आश्रम के पास नदी तलहटी में मृत पाए गए थे. दोनों बच्चों के माता - पिता ने आरोप लगाया था कि उन्हें आसाराम के आश्रम में मारा गया जहां काला जादू किया जाता था. राज्य सीआईडी ने 2009 में मौतों के मामले में आसाराम के सात अनुयायियों के खिलाफ मामला दर्ज किया. आसाराम आश्रम बनाने के लिए सूरत और अहमदाबाद में जमीन पर कब्जा करने का भी आरोपी है.


पिछले साल अगस्त में एक और ढोंगी बाबा गुरमीत राम रहीम को सीबीआई की विशेष अदालत ने बलात्कार के मामले में 20 साल कैद की सजा सुनाई थी. राम रहीम पर जमीन कब्जाने, हत्या और कई लोगों को नपंसुक बनाने जैसे आरोप भी हैं. उसे जब दोषी ठहराया गया था तो उसके अनुयायी हिंसा पर उतारू हो गए थे और पंजाब तथा हरियाणा में 38 से अधिक लोग मारे गए थे.


पिछले साल दिसंबर में वीरेंद्र देव दीक्षित नाम के कथित बाबा पर लड़कियों से बलात्कार और उन्हें बंधक बनाकर रखने के आरोप लगे थे. उत्तरी दिल्ली में उसके आश्रम पर छापा मारकर 100 से अधिक महिलाएं मुक्त कराई गई थीं.


वर्ष 2014 में रामपाल नाम के कथित बाबा के हिसार स्थित सतलोक आश्रम से हरियाणा पुलिस ने पांच महिलाओं और 18 महीने के एक बच्चे का शव बरामद किया था. उसके अनुयायियों और अर्द्धसैनिक बलों के बीच झड़प में छह लोग मारे गए थे. बाद में रामपाल को गिरफ्तार कर लिया गया था.


वर्ष 2010 में कर्नाटक से स्वामी नित्यानंद तब सुर्खियों में आ गया था जब एक टीवी चैनल पर एक अभिनेत्री के साथ उसका एक सेक्स टेप दिखाया गया. बलात्कार और जमीन कब्जाने का आरोपी नित्यांनद दो बार जेल में रह चुका है. 2010 में वह 53 दिन जेल में रहा था.


इससे पहले केरल से संतोष माधवन उर्फ स्वामी अमृत चैतन्य 2009 में दो नाबालग लड़कियों के यौन शोषण का दोषी पाया गया था और उसे 16 साल कैद की सजा सुनाई गई थी. एक एनआरआई महिला को ठगने के मामले में इंटरपोल को वांछित इस व्यक्ति पर अश्लील वीडियो बनाने और वित्तीय धोखाधड़ी के भी आरोप लगे.


वर्ष 2006 में जबलपुर के रहने वाले स्वामी विकासानंद को नाबालिगों से दुष्कर्म का दोषी पाया गया था. उसके आश्रम से अश्लील फिल्में भी मिली थीं जो उसने कथित तौर पर नाबालिग लड़कियों के साथ बनाई थीं.


इसके अलावा 1990 के दशक में एक मामला प्रेम कुमार उर्फ स्वामी प्रेमानंद का भी आया. वह तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली के पास आश्रम बनाने के लिए श्रीलंका से आया था. बाद में उसने दूसरे देशों में भी शाखाएं खोलीं. उसके आश्रम में महिलाएं और अनाथ रहते थे. इनमें से बहुत से श्रीलंका से उसके साथ थे. वर्ष 1997 में उसे बलात्कार के मामलों में उम्रकैद की सजा सुनाई गई. वर्ष 2011 में कुड्डालूर जेल में मरते समय तक वह खुद को निर्दोष कहता रहा.