Thane court acquitted man of killing: महाराष्ट्र के ठाणे जिले की एक कोर्ट ने एक व्यक्ति और उसके पांच परिवार के सदस्यों को रिहा कर दिया है. उस शख्स पर आरोप था कि उसने साल 2014 में दहेज के लिए अपनी पत्नी की हत्या कर दी थी. साथ ही शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना के भी आरोप लगाए गए थे. 


अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश रचना आर तेहरा की अदालत ने कहा कि अभियोजन पक्ष आरोप साबित कर पाने में विफल रहा है. कानूनी तौर पर ऐसा कोई प्रावधान नहीं है, जो किसी को केवल भावना के आधार पर दोषी ठहराए. 


महिला का दुपट्टे से गला घोंटा गया 


कोर्ट ने यह आदेश 13 मार्च को पारित किया था, जिसे शनिवार को उपलब्ध कराया गया है. आरोप है कि साल 2005 में शादी के बाद से ही महिला ससुराल पक्ष से प्रताड़ित हो रही थी.  मुंब्रा में रहने वाले दंपति का एक बेटा और एक बेटी हैं. आरोप है कि ससुराल पक्ष महिला को शारीरिक और मानसिक तौर पर प्रताड़ित करते थे. आरोप था कि ससुराल वाले महिला पर अपने माता पिता से जमीन के लिए 10 लाख रुपये मांगने का दबाव डालते थे. आरोप है कि मार्च 2014 में रंजनोलि नाका के पास महिला की दुपट्टे से गला घोंट कर हत्या कर दी गई. इसके बाद उसके शव को एक बोरे में डालकर नाले में बहा दिया गया. 


भावनात्मकता के आधार पर सजा का कोई प्रावधान नहीं


दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि रिकॉर्ड पर उपलब्ध सबूतों के आधार पर आरोपी व्यक्तियों को दोषी ठहराना संभव नहीं है. आरोपी संदेह का लाभ पाने के हकदार हैं. हलांकि इस मामले में एक महिला की मृत्यु हो गई थी. यह अदालत भी उसकी अप्राकृतिक मौत के लिए खेद महसूस करती है. लेकिन अभियोजन पक्ष की और से आरोपियों के खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं दिए गए, जिससे कि ये पता चले कि आरोपी व्यक्तियों ने साजिश के तहत ये हत्या की है. अदालत ने कहा कि भावनात्मकता के आधार पर सजा का कानून में कोई प्रावधान नहीं है.


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