मुंबई: एनआईए की एक विशेष अदालत आने वाली सात फरवरी को 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले में साध्वी प्रज्ञा ठाकुर, लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित और छह अन्य आरोपियों के खिलाफ आरोप तय कर सकती है. मामला सूचीबद्ध कर लिया गया है लेकिन सुनवाई सात फरवरी तक के लिए टाल दी गयी.


अदालत ने 27 दिसंबर को मामले से बरी करने के लिए दायर की गयी आरोपियों की याचिकाएं खारिज कर दी थीं. हालांकि अदालत ने आरोपियों के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम और मकोका की कुछ धाराएं हटा दी थीं जिनके तहत उम्रकैद तक की सजा का प्रावधान है.


कौन हैं कर्नल पुरोहित
कर्नल श्रीकांत पुरोहित का संबंध अभिनव भारत नाम के दक्षिणपंथी संगठन से बताया जाता है. कहा जाता है कि पुरोहित ने कथित हिन्दू राष्ट्र के लिए अलग संविधान, अलग झंडा बनाया. साथ ही उन्होंने मुस्लिम अत्याचार का बदला लेने के लिए भी विचार विमर्श किया. पुरोहित ने संगठन की बैठकों में शामिल होकर विस्फोटक जुटाने के लिए सहमति दी और ब्लास्ट के मुख्य षडयंत्रकर्ता रहे.


कौन हैं पज्ञा ठाकुर
14 साल की उम्र में ही उनका झुकाव अध्यात्म की ओर हो गया था. प्रज्ञा मध्य प्रदेश के भिंड जिले की रहने वाली हैं. भाषण कला ने उन्हें हिन्दी भाषी इलाकों में खासी पहचान दिलाई. 2008 में ब्लास्ट वाली जगह से उनकी मोटरसाइकिल बरामद हुई थी. जेल से बाहर आने के बाद उन्होंने कहा था कि उन्हें कई किस्म की यातनाएं दी गईं जिनके कारण वह कैंसर का शिकार हो गईं.