मेरठ: उत्तर प्रदेश के मेरठ के जानी थाना क्षेत्र में गैगरेप और पुलिस के अमानवीय चेहरे को उजागर करने वाला मामला सामने आया है. जिले के कोतवाली क्षेत्र की रहने वाली एक लड़की की शादी हाल ही में हुई थी. लड़की के परिजनों ने बताया कि पति अक्सर उनकी बेटी को प्रताड़ित करता था, जिसके चलते वह अपने मायके में रह रही थी.


पति कुछ दिनों पहले उनकी बेटी को घुमाने के बहाने मायके से ले गया. आरोप है कि इसके बाद जानी के हाईवे के नजदीक जंगल में पति और उसके कुछ साथियों ने गैंगरेप किया. घटना को अंजाम देने के बाद आरोपियों ने युवती के हाथ-पैर और गर्दन पर धारदार हथियार से हमला किया और उसे मरा हुआ समझकर हाईवे पर फेंक दिया.


पुलिस ने घायल अवस्था में युवती को अस्पताल में भर्ती कराया. युवती की जान तो बच गई मगर वह बोलने से लाचार हो गई. आज एसएसपी कार्यालय पहुंचे युवती के परिजनों ने बताया कि पुलिस ने इस मामले में पीड़िता के पति और उसके दोस्त को तो जेल भेज दिया, लेकिन अन्य तीन आरोपियों को गिरफ्तार नहीं कर रही है.


इतना ही नहीं अब तक युवती के बयान भी दर्ज नहीं कराए गए हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि वह पीड़िता के बयान दर्ज कराने के लिए कहते हैं तो केस की जांच कर रहा दरोगा कहता है कि उसने लड़की को बचाकर गलती की. आज पीड़ितों ने एसएसपी से पूरे प्रकरण की शिकायत की. जिसके बाद एसएसपी ने विवेचक दरोगा को अपने कार्यालय में तलब कर कड़ी फटकार लगाई.


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